नसीराबाद चेयरमैन शारदा ने कुर्सी गंवाई
अविश्वास प्रस्ताव पास
21 में से 16 वोट प्रस्ताव के पक्ष में पड़े
नसीराबाद। देश में सबसे छोटी नगरपालिका के रूप में पहचानी जाने वाली नसीराबाद नगरपालिका में पहली कांग्रेस समर्थित चेयरमैन शारदा मित्तलवाल ने अपनी कुर्सी गंवा दी है। भाजपाई पार्षदों सहित खुद कांग्रेस के ही पार्षदों ने उनके प्रति अविश्वास जताते हुए पालिकाध्यक्ष पद से हटा दिया है।
शुक्रवार को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। कुल 21 पार्षदों में से 16 ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट डाला। इस पर तीन चौथाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दिया गया। अविश्वास प्रस्ताव बैठक की कार्यवाही उपखंड अधिकारी राकेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में की गई। इस मौके पर तहसीलदार भंवरलाल सैन, नगरपालिका अधिशासी अधिकारी भगवान सिंह मौजूद रहे।
यूं चला घटनाक्रम
जिला कलक्टर के निर्देश पर शुक्रवार दोपहर 12 बजे नगरपालिका स्थित अंबेडकर भवन में पार्षदों की बैठक उपखण्ड अधिकारी गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक कार्यवाही आरंभ करने से पूर्व नियत समय में पदेन सदस्य विधायक रामस्वरूप लांबा सहित कुल 21 सदस्यों में से 16 सदस्य पार्षद अफसाना, महावीर प्रसाद टाक, अंकुश चौधरी, महेंद्र डाबी, दीपक साहू, सरोज बिस्सा, टूका सोनी, ललित, सत्यनारायण शर्मा, संदीप कुमार, सुभाष सांखला, पूनम, अनीता मित्तल, शंभू साहू एवं प्रदीप सिंह उपस्थित हुए। कोरम पूर्ण हो जाने के कारण अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ की गई। चर्चा समाप्ति के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान किया गया। नियत मतदान अवधि में कुल 16 सदस्यों ने मतदान किया। मतदान समाप्ति के पश्चात मतगणना आरंभ की गई। इसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 16 और विपक्ष में 0 मत प्राप्त हुआ। इस पर पक्ष में प्राप्त 16 मतों से अविश्वास प्रस्ताव पारित करने की घोषणा की गई।
अज्ञातवास से लौटे थे पार्षद
अविश्वास प्रस्ताव पर निर्णय होने से पूर्व आधे से अधिक पार्षद अज्ञातवास में चले गए थे और शुक्रवार दोपहर 12 बजे नियत समय पर नगरपालिका पहुंचे। वे अंबेडकर भवन में जैसे ही प्रवेश करने लगे तभी कुछ व्यक्तियों ने एक-दो पार्षदों को रोकने का प्रयास किया। लेकिन मौके पर पुलिस और भाजपाई समर्थक मौजूद होने के कारण असफल रहे।
लॉटरी से चेती थी किस्मत
नगरपालिका नसीराबाद में 20 वार्ड के कुल 20 पार्षद हैं। जिनमें से 10 भाजपा, 8 कांग्रेस समर्थक एवं 2 निर्दलीय हैं। कांग्रेस पार्टी ने दोनों निर्दलीय को अपने खेमे में लेकर निर्दलीय शारदा मित्तलवाल को नगरपालिका चेयरमैन चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया था। लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ही उम्मीदवारों को 10-10 वोट मिलने के कारण लॉटरी निकाली गई। इसमें कांग्रेस समर्थक निर्दलीय शारदा मित्तलवाल विजयी घोषित की गई थी। लेकिन मित्तलवाल के पदभार संभालने के बाद उनकी कार्यशैली पर लगातार प्रश्नचिह्न और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे। दोनों दलों के पार्षद उनसे नाराज थे। भाजपा एवं कांग्रेस सहित निर्दलीय पार्षदों ने बगावत शुरू करते हुए गत दिनों कलक्टेÑट पहुंचकर अविश्वास प्रस्ताव का पत्र कलक्टर को सौंपा। उन्होेंने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और आवश्यक होने पर मतदान के लिए 10 जून तिथि नियत की लेकिन 10 जून को राज्यसभा चुनाव को देखते हुए 17 जून तिथि नियत की गई। शुक्रवार को 20 पार्षदों के अतिरिक्त पदेन सदस्य होने के कारण विधायक लाम्बा ने भी वोट डाला।
यह भी रहे मौजूद
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान के वक्त नगरपालिका स्थित अंबेडकर भवन के बाहर ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष पूर्व प्रधान अशोक सिंह रावत, भाजपा जिला महामंत्री तेजमल प्रजापत, भाजपा मंडल अध्यक्ष महेश मेहरा, भवानीखेड़ा भाजपा मंडल अध्यक्ष हीरासिंह रावत, भाजपा पूर्व मंडल अध्यक्ष वैभव तेला, भाजपा युवा नेता काली बाबानी, नवीन शर्मा, महेंद्र चौधरी, प्रदीप सिंह राठौड़, राकेश प्रजापत, भंवरलाल, सुखदेव चौधरी आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।
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