चांदरात आज, सुबह से खुलेगा जन्नती दरवाजा, रजब माह का चांद दिखा तो शुरू हो जाएगा उर्स
ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 813वें उर्स
छठी के कुल के समय दागोल की रस्म अदा करने के लिए पुन: सैयद नातवान शाह बाबा की दरगाह में एकत्र होंगे और वहां से अपने करतब दिखाते आएंगे।
अजमेर। इस्लामिक कैलेण्डर में जमादि-उल-आखिरी की 29 तारीख होने से चांदरात होगी। इसी शाम रजब माह का चांद दिखने की संभावना को देखते हुए हिलाल कमेटी की बैठक होगी। कमेटी ने रजब माह का चांद दिखने का ऐलान किया तो ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के उर्स की रस्में तत्काल शुरू हो जाएंगी और सुबह आस्ताना खुलने के साथ, खोला गया जन्नती दरवाजा छठी के कुल तक खुला रहेगा। चांद नहीं दिखने पर सभी रस्में गुरुवार की शाम से शुरू होंगी। ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स के लिए दरगाह कमेटी की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को चांदरात है। शाम को रजब माह का चांद दिखने की सभावना होने से सुबह दरगाह का आस्ताना खुलने के साथ ही जन्नती दरवाजा खोल दिया जाएगा। हिलाल कमेटी ने चांद दिखने का ऐलान किया तो उर्स की शाही महफिल और ख्वाजा साहब की मजार को गुस्ल देने की रस्म बुधवार की रात से ही शुरू हो जाएगी। हिलाल कमेटी ने चांद दिखने की पुष्टि नहीं की तो सामान्य दिनों की तरह दरगाह का आस्ताना रात्रि करीब दस बजे बंद होगा और इसके साथ सुबह खोला गया जन्नती दरवाजा भी बंद कर दिया जाएगा। जो गुरुवार की सुबह पुन: खुलेगा और ख्वाजा साहब की छठी के कुल के समय बंद होगा।
-कलंदर दरगाह में पेश करेंगे छड़ी
चांदरात होने से महरौली से छड़ी लेकर पैदल आने वाले कलंदरों का जत्था शाम करीब साढ़े चार बजे दरगाह में जुलूस के रूप में छड़ी पेश करने आएगा। इसके बाद एक साथ आए सभी कलंदर अपने-अपने ठिकानों पर चले जाएंगे। जो छठी के कुल के समय दागोल की रस्म अदा करने के लिए पुन: सैयद नातवान शाह बाबा की दरगाह में एकत्र होंगे और वहां से अपने करतब दिखाते आएंगे।
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