दूसरी शाही महफिल सजी दूसरे गुस्ल की रस्म अदा ख्वाजा साहब का 813वां उर्स
शाही चाय बनाकर लंगर के रूप में वितरित की जाती है
चाय की व्यवस्था ख्वाजा साहब के उर्स की छह दिनों की शाही महफिल में रहती है।
अजमेर। ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813 वें उर्स के लिए गुरुवार की रात महफिल खाना में दूसरी शाही महफिल व आस्ताना में ख्वाजा साहब की मजार को दूसरा शाही गुस्ल देने की रस्म अदा की गई। उर्स के दौरान कुल छह शाही महफिल व इतने ही शाही गुस्ल की रस्म अदा की जाती है। दरगाह कमेटी के कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को ईशा की नमाज के बाद महफिल खाना में दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खां की सदारत में दूसरी शाही महफिल हुई। रात्रि करीब दो बजे आस्ताना में ख्वाजा साहब की मजार को दूसरा शाही गुस्ल देने की रस्म अदा की गई। इसमें खादिमों के साथ दरगाह दीवान उपस्थित थे।
जाफरान की चाय
दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन के सचिव गुलाम नज्मी फारुकी के अनुसार गुस्ल की रस्म के दौरान शाही महफिल जारी रहती है और दीवान साहब के गुस्ल की रस्म से आने के बाद जाफरान व केवड़ा जल की शाही चाय बनाकर लंगर के रूप में वितरित की जाती है। चाय की व्यवस्था ख्वाजा साहब के उर्स की छह दिनों की शाही महफिल में रहती है।
एलईडी बोर्ड पर महफिल का प्रसारण
दरगाह कमेटी ने महफिल खाना के बाहरी ओर बड़ा एलईडी बोर्ड लगाया है जिससे महफिल खाना में होने वाली शाही महफिल का प्रसारण होगा। इस व्यवस्था से महफिल खाना में प्रवेश करने वालों पर खुद-ब-खुद नियंत्रण हो जाएगा और जायरीन महफिल में शामिल हो सकेंगे।
मंत्रालय के सौजन्य से विशेष सजावट
इसी तरह उर्स के लिए दरगाह परिसर में केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात् मंत्रालय के सौजन्य से अतिरिक्त सजावट की गई है। दरगाह कमेटी यह संदेश प्रसारित कर रही है। इससे झूठा श्रेय लेने वालों पर अंकुश लगने की उम्मीद है।
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