ख्वाजा के दर शान-ओ-शौकत से बसंत पेश, शाही कव्वालों ने निभाई रस्म, अमीर खुसरो के गूंजे कलाम
तारागढ़ की हजरत मीरां साहब दरगाह में आज पेश होगा बसंत
गुलदस्ता लेकर अकबरी गेट, बुलंद दरवाजा से संदली गेट होकर आहाता नूर पहुंचे।
अजमेर। ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में सुबह शाही कव्वालों ने बसंतोत्सव मनाया। उन्होंने अमीर खुसरो के बसंत ऋतु पर लिखे सूफियाना कलाम गाते हुए ख्वाजा साहब की मजार पर पीले रंगों के फूलों का गुलदस्ता पेश किया। दरगाह के शाही कव्वाल स्वर्गीय असरार हुसैन की पार्टी के मुखिया अमजद हुसैन व अख्तर हुसैन के अनुसार सुबह उन्होंने सरसों, हजारा व गुलदाऊदी के पीले रंगों के फूलों का आकर्षक गुलदस्ता बनाया और निर्धारित समय पर सभी दरगाह के निजामगेट पर पहुंचे। दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती के वहां पहुंचने पर कव्वालों ने अमीर खुसरो के लिखे बसंत ऋतु के कलामों को गाना शुरूकर दिया। वे गुलदस्ता लेकर अकबरी गेट, बुलंद दरवाजा से संदली गेट होकर आहाता नूर पहुंचे। वहां से कव्वालों ने आस्ताना में जाकर उक्त गुलदस्ता पेश किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान अनेक लोगों ने पीले रंग के फूलों की मालाएं भी गुलदस्ते के साथ पेश की। कार्यक्रम में काफी संख्या में खादिम व जायरीन भी उपस्थित थे।
तारागढ़ की हजरत मीरां साहब दरगाह में आज पेश होगा बसंत
तारागढ़ की दरगाह हजरत मीरां साहब खुद्दाम पंचायत के सचिव सैयद रब नवाज एवं प्रबंध कमेटी के सदर मौहम्मद हारुन खान व सदस्य सैयद हफीज अली के अनुसार दरगाह में बसंतोत्सव मनाया गया। यहां भी पारंपरिक तरीके से हजरत मीरां साहब की दरगाह में पीले रंग के फूलों का गुलदस्ता कव्वाल पेश करेंगे।
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