कागजों में ही चमक रही बिजली, अधिकारी बेपरवाह
बची कसर पूरी कर रही पानी की किल्लत, ग्रामीणों का हाई वोल्टेज ड्रामा
बिलोदा गांव में तीन दिन से छाया अंधेरा।
नाहरगढ़। नाहरगढ़ बिलोदा गांव में इन दिनों बिजली विभाग की घोर लापरवाही से ग्रामीणों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। पिछले तीन दिनों से गांव में अंधेरा छाया हुआ है और चौंकाने वाली बात यह है कि बिजली विभाग के अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहे। आलम यह है कि जेईएन और एईएन जैसे बड़े अधिकारी भी गायब हैं और कोई कर्मचारी गांव में झांकने तक नहीं आया। ग्रामीणों का गुस्सा इस कदर बढ़ गया है कि उन्होंने खुद ही बिजली ठीक करने का जिम्मा उठा लिया।
अधिकारी नहीं उठा रहे फोन, नहीं पहुंचा कोई कर्मचारी
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने तीन दिन पहले ही बिजली खराब होने की जानकारी बिजली विभाग को दे दी थी, लेकिन विभाग कुंभकरणी नींद में सोया है। न कोई मिस्त्री आया, न कोई अधिकारी फोन पर मिला। एक ग्रामीण ने तो यहां तक कहा, लगता है हमारे गांव में बिजली कागजों में ही चमक रही है, असल में तो हम लालटेन' जला रहे हैं। पानी की किल्लत ने तो रही-सही कसर भी पूरी कर दी है, क्योंकि बिजली के बिना पंप नहीं चल पा रहे हैं। वहीं बिलोदा के सरपंच महेंद्र मीणा का गुस्सा तो बिजली के ट्रांसफॉर्मर की तरह धमाका कर रहा है। उन्होंने गुस्से में कहा तीन दिन से गांव में अंधेर नगरी है और इन अधिकारियों को कोई फर्क' नहीं पड़ रहा। ये विभाग वाले राजा बने बैठे हैं, इन्हें लगता है कि सब कुछ अपने आप ठीक हो जाएगा। स्थानीय निवासी मुकेश शर्मा ने बताया कि हालत तो बद से बदतर हो गई है। उन्होंने कहा एक तरफ यह जानलेवा गर्मी और ऊपर से यह बिजली की कटौती, समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। फ्रिज तो अलमारी' बन गया है और रात में मच्छरों' से लड़ाई चल रही है। लगता है बिजली हमारी दुश्मन बन गई है। अब देखना यह होगा कि क्या बिजली विभाग अपनी नींद से जागेगा या ग्रामीणों को ही हाथ में औजार लेकर बिजली ठीक करनी पड़ेग। गांव वाले तो यही कह रहे हैं जब अधिकारी नहीं सुनते, तो जनता ही अपनी सरकार है।
बिजली गिरी और हमारे 3-4 इंसुलेटर पंचर हो गए हैं। जल्द ही ठीक करा देंगे।
- रामस्वरूप, जेईएन, विद्युत विभाग
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