खड़े पोल को सीसीटीवी कैमेरे का इंतजार
कैमरे लगाने की सरकारी योजना आज भी पड़ी है अधूरी
सवालों के घेरे में छीपाबड़ौद की सुरक्षा व्यवस्था।
छीपाबड़ौद। छीपाबड़ौद कस्बे में सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है। चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की सरकारी योजना आज भी अधूरी पड़ी है। केवल पोल खड़े कर दिए गए लेकिन कैमरे अब तक नहीं लगाए गए। नतीजा यह है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। वहीं 17 मार्च को कस्बे के पंचायत समिति परिसर में दिनदहाड़े हुई 3 लाख की लूट की वारदात ने कानून व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। पीड़ित बद्रीलाल गुर्जर, जो बैंक में पैसे जमा कराने जा रहा था, उनसे शातिर बदमाशों ने धोखे से बैग लूट लिया। घटना के बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई, आसपास के सीसीटीवी कैमरों में वारदात कैद भी हुई, बावजूद इसके एक महीने बाद भी न तो अपराधी पकड़े गए और न ही रकम बरामद हुई। यह लापरवाही जनता के मन में गहरी नाराजगी और अविश्वास पैदा कर रही है।
चोर बेखौफ, खौफ में जनता
कस्बे के व्यापारियों का कहना है कि दुकान के बाहर बाइक खड़ी करने में अब डर लगता है। कस्बेवासियों का कहना है कि सीसीटीवी योजना को जान बूझकर अधूरा छोड़ दिया गया है। पोल खड़े करना मात्र दिखावा था। अगर कैमरे समय पर लगते तो कई वारदातों को रोका जा सकता था या उनके अपराधियों तक पुलिस आसानी से पहुंच सकती थी। कब तक ऐसे ही चोरी और लूट की घटनाएं होती रहेंगी?
सीसीटीवी कैमरे नहीं होने से पुलिस को भी आती परेशानी
कस्बे में मुख्य चौक चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होने से कई बार पुलिस कर्मियों को भी केस में जांच पड़ताल करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। कस्बे में कुछ प्रतिष्ठानों, आवासों पर कैमरे तो लगे हुए है, पर उनमें से भी कुछ तकनीकी खराब है तो कुछ में वीडियो क्वालिटी सही नहीं होती है।
आए दिन हो रही बाइक चोरी, खुलासा शून्य
बाइक चोरी की घटनाएं भी अब आम हो चुकी हैं। आए दिन कस्बे में बाइक चोरी हो रही है। इस पर लगाम नहीं लग पा रहा है। सोमवार को भी पंजाब कॉलोनी के पास से महज कुछ सैकंड में एक बाइक चोरी हो गई और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन खुलासे की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है।
इनका कहना
हम रोजमर्रा का कारोबार कर रहे हैं और हर वक्त डर बना रहता है कि कब बाइक चोरी हो जाए या कोई लुटेरा दुकान में घुस जाए। चौराहों पर पोल तो लगे हैं लेकिन कैमरे नदारद हैं। सुरक्षा के नाम पर सिर्फ औपचारिकता हो रही है। प्रशासन को चाहिए कि अब बातों से आगे बढ़कर जमीनी स्तर पर काम करे।
- अशफाक मंसूरी, व्यापारी, छीपाबड़ौद।
जब जनता असुरक्षित महसूस करने लगे तो समझिए कि प्रशासनिक व्यवस्था कहीं न कहीं विफल हो रही है। छीपाबड़ौद में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं, पर रोकथाम के प्रयास कमजोर हैं। सीसीटीवी कैमरे अगर समय रहते लगाए जाते तो कई अपराध रोके जा सकते थे। प्रशासन को अब जवाबदेही से काम लेना होगा।
- अर्जुन सोनी, पूर्व सरपंच।
मुझे दु:ख होता है यह देखकर कि अब छीपाबड़ौद जैसे कस्बे में भी अपराधी बेखौफ होकर वारदात कर रहे हैं। दिनदहाड़े तीन लाख रुपये की लूट हो जाना और एक महीने तक पुलिस का कोई खुलासा न कर पाना, यह पुलिसिया व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। जनता को सुरक्षा का भरोसा दिलाना प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
- प्रेमसिंह मीणा, पूर्व ब्लॉक शिक्षा अधिकारी।
हम कस्बेवासी अब खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। कभी बाइक चोरी हो जाती है तो कभी लूट की घटनाएं सामने आती हैं। हर परिवार डरा हुआ है। सीसीटीवी कैमरे सिर्फ पोल पर झूल रहे हैं लेकिन उनका कोई लाभ नहीं मिल रहा। ऐसे में अपराधियों के हौसले और बढ़ रहे हैं। जनता प्रशासन से ठोस कदमों की अपेक्षा रखती है।
- दीपक गोयल, कस्बेवासी।
उक्त मामले की जानकारी मिली हैं। जल्द ही समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे।
- अभिमन्यु सिंह कुंतल, उपखंड अधिकारी, छीपाबडौद।
इस प्रकार की समस्या है तो जल्द मामले को लेकर आदेशित किया जाएगा।
- सुरेन्द्र सिंह गुर्जर, विकास अधिकारी, पंचायत समिति छीपाबडौद।
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