नहरी पानी नहीं मिलने से मुरझा रही फसलें, किसानों ने जताया आक्रोश
एक पखवाड़े बाद भी नही पहुंच रहा नहरी पानी रबी फसलें सुखने की कगार पर
दिन में निकलने वाली तेज धूप से फसलें धीरे-धीरे बर्बाद होने की कगार पर चल रही है। जल्द नहर द्वारा खेतों में नहरी पानी नही पहुंचा तो मजबूरन सड़क पर उतरना पड़ेगा।
भण्डेड़ा। गोठड़ा बांध की मुख्य केनाल में पानी का प्रवाह हुए एक पखवाड़ा बीत गया है। पर इस केनाल के टेल क्षेत्र में दो माइनरों में अभी तक नहरी पानी नही पहुंचा है। ऐसे में फसलें मुरझा रही है। यहां तक की खेतों में फसलें सुखने के कगार पर पहुंच गई है। शुक्रवार को क्षेत्रीय किसानों का सब्र टूट गया। टेल क्षेत्र की मूण्डली माइनर के किसानों ने सुखी माइनर पर पहुंचकर एक घंटे तक संबंधित विभागीय अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश जताया गया है। संबंधित विभाग के प्रति धरतीपुत्रों में नाराजगी है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र में गोठड़ा बांध की मुख्य केनाल गुजर रही है। इस मुख्य केनाल में नहरी पानी का प्रवाह गत पन्द्रह जनवरी को हो चूका था। मगर टेल क्षेत्र में बांसी माइनर व मूण्डली माइनर है। जिसमें पानी नही पहुंच पाया है। नहरी पानी नही पहुंचने से नहर के पानी पर निर्भर फसलें सुखने की कगार पर चल रही है। इस समस्या को लेकर मूण्डली माइनरों के एक दर्जन से अधिक महिला किसान सहित पुरूष किसान सुखी माइनर पर पहुंचे। मौके पर जल संसाधन विभाग के खिलाफ एक घंटे तक आक्रोश जताया गया है। क्षेत्रीय किसान सुखलाल बैरवा, घासीलाल, नरेश, बृजमोहन, आशाराम, अणदी लाल, मीरा बाई, मोर बाई आदि का कहना है कि इस समय रबी सीजन की गेहूं व जौ की फसले दो माह से अधिक समय की हो गई। इन फसलों को नहर द्वारा पहले पानी के प्रवाह के समय सिंचाई हुई थी। अभी तक दूसरी बार नहरी पानी नही आने से फसलें इस समय मुरझाने लगी है। इस समय दोपहर के समय में कड़ाके की धुप से मुरझाने से उनको देखा नही जा रहा है। सुबह व शाम की सर्दी से कुछ राहत मिलती है। दिन में निकलने वाली तेज धूप से फसलें धीरे-धीरे बर्बाद होने की कगार पर चल रही है। जल्द नहर द्वारा खेतों में नहरी पानी नही पहुंचा तो मजबूरन सड़क पर उतरना पड़ेगा। इस दौरान कोई जनहानि होती है, तो संबंधित विभाग जिम्मेदार होगा।
समय पर मिलें नहरी पानी
क्षेत्रीय किसानों ने बताया कि खरीफ फसल अतिवृष्टि की भेंट चढ़ने के बाद आर्थिक तंगी से वैसे ही जुझ रहे है। समय पर दूसरा नहरी पानी मिल जाए, तो पैदावार में इसका फायदे पहुंचे। क्षेत्र में बांसी, भण्डेड़ा, माधोराजपुरा, कल्याणपुरा, रामगंज, मुण्डली सहित अन्य जो किसान नहरी पानी पर ही निर्भर है। उनको फसलों को बचाने की चिंताएं सता रही है। टेल क्षेत्र में अब दूसरा पानी जल्द पहुंचे, तो क्षेत्रीय किसानों को भी राहत मिलें।
सुखती फसलें क्षेत्रीय किसानों की पीड़ा
फसलों को पानी मिले एक माह बीत गया है। रबी फसलें दिन की धुप से मुरझाने लगी है। माइनर में पानी नही आने से अब चिंताए बढती नजर आ रही है। संबंधित विभाग समय पर नहरी पानी उपलब्ध करवाए तो बर्बाद होती फसलों को बचाया जा सके। उनके लिए जीवनदान साबित हो सके।
- मोर बाई बैरवा, महिला किसान माधोराजपुरा
फसलें दो महिने से अधिक समय की हो गई। इस समय पानी की जोरदार आवश्यकता हो रही है। मगर नहर में नहरी पानी नही पहुंचने से फसलें मुरझाने लगी है। दोपहर के समय फसलों को देखा नही जा रहा है। संबंधित विभागीय अधिकारी हमारी इस समस्या को गंभीरतापूर्वक देखें, तो हमारी बर्बाद होती फसलों को बचाया जा सके।
- मीरा बाई बैरवा, महिला किसान माधोराजपुरा
वर्ष-2024 में गोठड़ा बांध में पानी की पर्याप्त भराव क्षमता होकर चादर चलने से नहरी पानी अच्छे से उपलब्ध होने की उम्मीद जगी थी, कि फसलों को पानी समय पर मिल जाएगा। मगर फसलों को पहला पानी पिलाएं एक माह हो गया। अब वापस नहरी पानी जल्द मिलें, तो फसलों को संजीवनी मिले।
- सुख लाल बैरवा, किसान माधोराजपुरा
इस बार क्षेत्र में अधिक बारिश होने से पहले खरीफ की फसलें बर्बाद हो गई है। बांध में पर्याप्त पानी का भराव होने से नहरी पानी अच्छे से मिलने की उम्मीद लेकर गेहूं की फसल की बुवाई कर दी। फसल को पहला पानी मिलने के बाद अब दूसरे पानी में हो रही देरी से फसलें मुरझाने लगी है। इन दिनों मुरझाती फसलें देखी नही जा रही है। संबंधित विभाग द्वारा नहरी पानी जल्द उपलब्ध नहीं करवाया गया, तो सड़क पर उतरने को मजबूर होना पडेगा। जिम्मेदार जल्द सुध लेकर राहत दिलावें।
-अणदी लाल बैरवा, किसान माधोराजपुरा
लगभग पांच बीघा में अच्छी उपज की सोचकर गेहूं की फसल की बुवाई की है। रबी फसलों को पहली बार प्रवाह के दौरान नहरी पानी के समय पर पानी मिला था। अब इस समय फसलों को पानी की बहुत ज्यादा जरूरत हो चूकी है। मगर माइनरों के ऊपर की केनाल में भी पानी नही है। हैड से ऊपर ही इस तरह से पानी पहुंचेगा तो हमारी फसलें बर्बाद हो जाएगी। जल्द संबंधित विभाग द्वारा इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो मजबूरन हमें सड़क पर उतरने को मजबूर होना पडेगा। जिम्मेदार जल्द सुध लेकर दूसरा नहरी पानी खेतों तक पहुंचाएं।
- धुली लाल बैरवा, किसान माधोराजपुरा
इनका कहना है
केनाल में पानी का प्रवाह बढ़ा दिया जाएगा। टेल क्षेत्र से ऊपरी माइनरों में भी पानी कंट्रोल किया जाएगा। टेल क्षेत्र की माइनरों में जल्द पानी पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
- पीसी मीणा, एईएन, जलसंसाधन विभाग नैनवां
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