ट्रोमा सेंटर की बदहाल व्यवस्था पर उठे सवाल, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की चुप्पी बनी चिंता
महिलाएं भी हो रही परेशान, प्रशासन मौन
गर्मी, बढ़ती दुर्घटनाओं और डॉक्टरों की कमी से स्थिति गंभीर
लाखेरी। लाखेरी का ट्रोमा सेंटर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी से जूझ रहा है। गर्मी, बढ़ती दुर्घटनाएं और डॉक्टरों की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। अब महिलाओं के लिए भी मूलभूत सुविधाएं बाधित हो रही हैं।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की चुप्पी बनी चिंता
वहीं जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की चुप्पी आमजन और मरीजों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। शहर के प्रमुख नागरिकों और जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार अस्पताल की बदहाली की जानकारी स्थानीय विधायक और प्रशासन को दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
सोनोग्राफी सुविधा ठप, महिलाएं हो रही बेहाल
अस्पताल में लगी सोनोग्राफी मशीन पिछले दो-तीन महीनों से बंद पड़ी है। इसका सीधा असर गर्भवती महिलाओं पर पड़ रहा है। नियमानुसार गर्भावस्था के दौरान तीन बार सोनोग्राफी आवश्यक मानी जाती है लेकिन मशीन चालू नहीं होने के कारण महिलाओं को बाहर निजी अस्पतालों में सोनोग्राफी करवानी पड़ रही है, जिससे उन्हें लगभग 5 हजार का खर्च उठाना पड़ता है। यह गरीब परिवारों के लिए अत्यंत कठिन है। आश्चर्य की बात यह है कि इस सोनोग्राफी मशीन का शुभारंभ स्वयं लोकसभा अध्यक्ष और स्थानीय विधायक ने बड़े कार्यक्रम में किया गया था। लेकिन आज उसी सुविधा का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है।
प्रशासनिक जवाबदेही और तकनीकी संसाधनों पर उठे सवाल
जागरूक नागरिकों का कहना है कि अस्पताल में लगी सीसी कैमरों से भी स्थिति की समीक्षा की जा सकती है। लोगों ने जिला कलेक्टर और उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे स्वयं निरीक्षण कर व्यवस्थाओं में सुधार लाएं।
जनता की सीधी मांग
जनता ने मांग की है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाखेरी में हड्डी रोग विशेषज्ञ को पुन: तैनात किया जाए, सोनोग्राफी मशीन को तत्काल चालू कर महिलाओं को राहत दी जाए, अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सकों और तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति की जाए। ट्रोमा सेंटर को पूर्ण रूप से क्रियाशील बनाया जाए।
रेडियोग्राफ नहीं आने के चलते सोनोग्राफी नहीं हो रही है। उच्च अधिकारियों को अवगत कर रखा है।
- वेदान्ती सक्सेना, मुख्य चिकित्सक अधिकारी।

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