विद्यालय में कमरों का टोटा, एक कमरे में दो-दो कक्षाओं का संचालन
बारिश के मौसम में एक कमरें बैठते विद्यार्थी, अभिभावक कटवा रहे टीसी
चीता की झोपड़िया गांव में सरकारी स्कूल का मामला, पढाने के लिए ब्लैक बोर्ड व शिक्षक है पर कमरें नहीं
देई। क्षेत्र के चीता की झोपड़ियां में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कमरों के अभाव में 1 ही कमरे में एक साथ 2 - 2 कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है, जिससे नौनिहाल बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। जबकि विद्यालय में 1 कमरे में प्रधानाध्यापक कक्ष व रसोई घर का संचालन किया जा रहा है। 2 कमरों में कक्षा 5-6 व 7-8 का एक साथ बैठाकर अध्ययन करवाया जा रहा है।
बच्चे कटवा रहे टीसी
विद्यालय में कलाश रूम की कमीं से बच्चों की पढ़ाई बाधित होने से कुछ बच्चें टीसी कटवाकर अन्यत्र जगह गए। इस स्कूल से पढ़कर कई विभागों में 45 सरकारी कर्मचारी हैं। प्रशासन द्वारा बच्चों के भविष्य को देखते हुए 5 नवीन कमरों की स्वीकृति जारी करने की मांग की है। स्कूल भवन निर्माण से पहले 8 कमरे थे। अब 3 कमरे है, जिसमें प्रधानाध्यापक कक्ष व रसोई घर संचालित है। ऐसे में बच्चों को पढने के लिए पर्याप्त कमरें नहीं है। ग्रामीणों ने जिला कलक्टर से नवीन कमरें का निर्माण करवाने की मांग की है।
बारिश के समय सभी कक्षाओं का संचालन कमरे में होता है। कक्षा 1से 5 तक एक कमरे शामिल व कक्षा 6,7,8 दूसरे कमरों में विद्यार्थियों को एक साथ बैठाया जाता है, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित होने से अभिभावक टीसी कटवाकर अन्यत्र जगह अपने बच्चों को भेज रहे है। राज्य सरकार जहां प्रवेशोत्सव अभियान चलाकर सरकारी विद्यालय में नामांकन बढ़ाने की बात करती हैं। शिक्षा के नाम करोड़ों रुपये का बजट पेश करती है। विद्यालय के पास भवन तक नहीं है।
- घनश्याम मीणा, निवासी चीता की झोपड़िया।
विद्यालय में तीन कमरे उपलब्ध है, जिसमे दो कमरों में कक्षा संचालन व एक कमरे में प्रधानाध्यापक कक्ष व रसोईघर का संचालन किया जा रहा है। इसलिए एक कमरे में दो-दो कक्षाओं का संचालन करना पड़ रहा है। अन्य चार कक्षाओं का संचालन टिनशेड के नीचे किया जाता है। बारिश के दिनों में बहुत समस्या आती है, जिससे बच्चों की पढाई बाधित होने के कारण पूर्व की अपेक्षा नामांकन घट रहा है। पांच नवीन कमरों की आवश्यकता है।घनश्याम मीणा ने बताया कि विधालय में कक्ष नहीं होने से लगातार नामांकन घट रहा है। पढ़ाई भी बाधित होती है। जबकि पढाने के लिए अध्यापक 8 है। अब विधालय में कम से कम 5 कमरों अति आवश्यकता है।
- रास्वरूप मीणा, प्रधानाध्यापक

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