एक पखवाड़े से जांच मशीन बंद, मरीजों का बढ़ रहा दर्द

उपचार के लिए देई, नैनवां व बूंदी जाने की मजबूरी

एक पखवाड़े से जांच मशीन बंद, मरीजों का बढ़ रहा दर्द

केंद्र पर रोगियों का तांता, पर जिम्मेदार कर रहे अनदेखी।

भण्डेड़ा। क्षेत्र में बांसी कस्बे के अस्पताल पर एक पखवाड़े से नि:शुल्क सीबीसी जांच मशीन बंद है। जो 25 ग्रामीण अंचलों के ग्रामीणों के लिए उचित उपचार में परेशानी हो रही है। वैसे-ही केन्द्र पर लंबे समय से कर्मचारियों का टोटा है। मौसम बदलने की वजह से अस्पताल में मरीजों की वैसे ही अधिक संख्या में आ रहे है। यहां रोगियों व तीमारदारों की भीड़ जमा रहती है। यहां पर सुविधाएं नही मिलने से रोगियों को मजबूरन देई, नैनवां व बूंदी पहुंचकर उपचार लेना पड़ रहा है। इन पर स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों की अनदेखी भारी पड़ रही है। उचित उपचार की उम्मीद लगाए आते है, पर जांच मशीन लंबे समय से बंद होने से निजी लैब पर पहुंचकर रुपये खर्च करके जांच करवाने की मजबूरी बनी हुई है। हर रोज ओपीडी लगभग 200 के पार हो रही है। यहां पर कार्यरत कर्मचारी भी परेशान तो मरीजों सहित तीमारदार भी परेशानी झेल रहे है। बुधवार को भी रोगियों का तांता लगा रहा है, जो कतारबद्ध नजर आए हैं।

जानकारी के अनुसार बांसी केन्द्र पर सीबीसी मशीन पंद्रह रोज से बंद होने से रोगियों व तीमारदारों को प्राइवेट लेबों के धक्के खाने पड़ रहे है, जो आर्थिक भार के साथ जांच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। तब जाकर समुचित इलाज मिल पाता है। इस समय केन्द्र पर अधिक संख्या में बुखार से पीड़ित पहुंच रहे है, जो उपचार के लिए जांच भी जरूरी होती है। केन्द्र रजिस्ट्रेशन पर अपनी बारी का इंतजार फिर चिकित्सक को दिखाने के लिए भी इंतजार फिर दवा काउंटर फिर भर्ती वार्ड में भी एक कर्मचारी के रहने से यहां पर उपचार लेने में भी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। केन्द्र दो चिकित्सक होने के बाद भी अधिकतर समय एक ही चिकित्सक मिलता है। जो सभी रोगियों की यही पर भीड़ लगती है। केन्द्र को सरकार ने क्रमोन्नत तो कर दिया। पर अभी तक सुविधाएं सहित कर्मचारियों की कमी की चलने से रोगियों को मजबूरन होकर देई, नैनवां व बूंदी जाकर उपचार करवाने की मजबूरी बनी हुई हैं। वर्तमान में सीएचसी एक चिकित्सक सहित दो मेल नर्स के भरोसे चल रहा है। यहां के रोगियों की ओपीडी दो सौ के पार रहती है। अस्पताल के समय उपचार लेने वालो से लेकर उपचार देने वालों तक परेशान नजर आते है। पर जिम्मेदार अस्पताल के हालातों को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे है।

केंद्र पर आएं तीमारदार सहित रोगियों की पीड़ा
रोगी की माता कविता का कहना है कि बच्चे को बुखार आती है। दो रोज उपचार लिया है। अस्पताल में आराम नही होने पर जांच के लिए यहां मशीन बन्द होना बताया तो प्राइवेट लैब पर जांच करवानी पडी है। सांवतगढ निवासी रोगी का मांगीलाल ने बताया कि उचित उपचार के लिए यहां आए थे। यहां पर जांच मशीन बंद होने से बाहर जाकर जांच करवाई गई है। जो समय भी अधिक लगा है।  इधर-उधर की भागादौड़ी हुई है। रोगी प्रेमबाई का कहना है कि उचित उपचार व नि:शुल्क दवा की उम्मीद लिए यहां पर आई थी। मगर यहाँ पर एक ही चिकित्सक होने से पहले तो भीड़ का सामना करना पडा। फिर दिखाने के बाद आधी दवा यहां से मिली आधी दवा बाहर से खरीदना पड़ी है। सादेड़ा निवासी रोगी भंवरलाल प्रजापत ने बताया कि उचित उपचार की सोचकर यहां आया, तो केन्द्र पर एक ही चिकित्सक होने से काफी भीड़ का सामना करना पडा है। जांच मशीन बंद होने से बाहर जाकर जांच करवाई गई है। जो उचित उपचार लेनी में परेशानी उठानी पड़ी है।

इनका कहना है 
सीबीसी मशीन क्यों बन्द है, जानकारी करते है। रोगियों को परेशानी होती है। पर कुछ समय तक तो इंतजार करना ही पड़ता है। चिकित्सक छुट्टी पर होगी तो आ जाएगी। जानकारी करेंगे।
- डॉ. ओपी सामर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी,बूंदी 

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