विवादित बोल : मुस्लिम विधायक अंगड़ाई लेने पर ही खोलते हैं मुंह: ओवैसी
राजस्थान में अगले माह लांच होगी उनकी पार्टी
जयपुर। ऑल इंडिया मजलिस ए इतेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम विधायकों को शो-पीस बताते हुए कहा कि उनकी पॉलिटिकल आवाज नहीं के बराबर है। राजस्थान के मुस्लिम विधायक अंगड़ाई लेने के दौरान ही मुंह खोलते हैं।
जयपुर। ऑल इंडिया मजलिस ए इतेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम विधायकों को शो-पीस बताते हुए कहा कि उनकी पॉलिटिकल आवाज नहीं के बराबर है। राजस्थान के मुस्लिम विधायक अंगड़ाई लेने के दौरान ही मुंह खोलते हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए ओवैसी ने कहा कि जब तक मुस्लिम विधायकों की स्वतंत्र आवाज नहीं होगी, तब तक वे शो-पीस ही रहेंगे। उन्होंने डॉ. अम्बेडकर के जीवन से एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार बाबा साहब से पूछा कि दलितों के प्रतिनिधित्व के रूप में दलित जीतकर संसद जाते तो हैं। इस पर डॉ.अम्बेडकर ने कहा कि वे संसद में उस समय मुंह खोलते हैं, जब उन्हें अंगड़ाई लेनी होती है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम अब जान गया है कि उन्हें क्या करना है। देश में मुसलमान अल्पसंख्यकों में सबसे बड़ी आबादी है। ऐसे में उनका एम्पावरमेंट होना चाहिए।
गठबंधन के लिए बीटीपी से हो रही बात
ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी शीघ्र ही राजस्थान में लांच होगी। इसके लिए वे मुस्लिम नेताओं से वार्ता कर रहे हैं। बीटीपी पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष छोटूभाई वसावा से उनकी बातचीत हुई है। इस साल के अंत तक पार्टी प्रदेश में लांच कर दी जाएगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि राजस्थान में तीसरे मोर्चे का वैक्यूम है, जिसे भरा जा सकता है।
मुस्लिम मतों का धुवीक्ररण करने की तैयारी में ओवैसी
अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी ने अगले माह राजस्थान में पार्टी की लॉच करने की घोषणा कर प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। ओवैसी बिहार विधानसभा में मिली पांच सीटों से उत्साहित होकर राजस्थान में भी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। हालांकि उन्होंने पश्चिम बंगाल में भी अपना पूरा दमखम दिखाया था, लेकिन वे सिर्फ सात सीटों पर ही अपने प्रत्याशियों को उतार सकें थे। राजनीतिक हलकों में ओवैसी के विरोधी उन्हें भाजपा की बी पार्टी के रूप में आलोचना करते हुए कहते हैं कि ओवैसी की पार्टी कांगे्रस के परम्परागत मुस्लिम वोटों में सेंधमारी कर कांग्रेस की हार और भाजपा की जीत को सुनिश्चित कराने में मदद करती है। प्रदेश में मुस्लिमों का अधिक प्रभाव भरतपुर, अलवर, नागौर, अजमेर, सवाईमाधोपुर में है। हालांकि राजस्थान में एक दर्जन से अधिक सीटों पर मुस्लिम मजबूत स्थिति में हैं। वे इन सीटों पर अपने समुदाय के व्यक्ति को जीताकर विधानसभा भेजने में सफल रहे हैं।
किन सीटों पर है प्रभाव
जयपुर में आदर्श नगर और किशनपोल विधानसभा से वर्तमान में रफीक खान और अमीन कागजी विधायक हैं।
भरतपुर के नगर से अभी बसपा के बागी वाजिब अली विधायक हैं। पूर्व में यहां से दो बार बसपा के टिकट पर माहिर आजाद विधायक रहे हैं।
भरतपुर के कामां से कांग्रेस की जाहिदा खान विधायक हैं। पूर्व में उनके पिता चौधरी तैयब हुसैन विधायक और मंत्री रहे हैं।
अलवर के रामगढ़ से कांग्रेस की साफिया जुबैर विधायक हैं।
अलवर-तिजारा कांग्रेस नेता दुर्रूमियां विधायक रहे हैं।
अजमेर के पुष्कर से नसीम अख्तर इंसाफ विधायक रही हैं।
बाड़मेर के शिव अमीन खान विधायक हैं और पूर्व में भी कई बार विधानसभा पहुंचते रहे हैं।
टोंक में जाकिया इमाम कई बार विधायक रही हैं। वर्ष 2018 के चुनाव में भाजपा ने युनूस खान को टोंक से टिकट दिया था।
नागौर के डिडवाना से युनूस खान दो बार विधायक रहे हैं।
सीकर के फतेहपुर से कांग्रेस के हाकम अली विधायक हैं।
जैसलमेर के पोकरण से सालेह मोहम्मद विधायक हैं।
नागौर के मकराना से जाकिर हुसैन गैसावत विधायक रहे हैं।
चूरू से मकबूल मण्डेलिया को कांग्रेस टिकट देती है। वे विधायक भी रहे हैं।
- सवाईमाधोपुर-कांग्रेस के टिकट पर दानिश अबरार विधायक हैं। पूर्व में उनके पिता सवाईमाधोपुर से लोकसभा सदस्य रहे हैं।
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