‘हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान’ का सर्टिफिकेट ‘लापता’!

‘हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान’ का सर्टिफिकेट ‘लापता’!

राज्य पुरातत्व विभाग ने एएसआई से कई बार पत्र के जरिए मांगी सर्टिफिकेट की प्रति

 जयपुर। यूनेस्कों ने साल, 2013 में प्रदेश के 6 फोर्ट्स को वर्ल्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट्स की लिस्ट में शामिल किया था। ‘हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान’ के तहत राजस्थान के पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के दो एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के 4 फोर्ट्स को चयनित किया गया था। इनमें आमेर महल (पुरातत्व विभाग), गागरौन फोर्ट (पुरातत्व विभाग), कुंभलगढ़ फोर्ट (एएसआई), चित्तौड़गढ़ फोर्ट (एएसआई), जैसलमेर फोर्ट (एएसआई) और रणथम्भौर फोर्ट (एएसआई) शामिल हैं। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने कई बार दिल्ली स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के मुख्यालय को पत्र लिखकर हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान के सर्टिफिकेट की प्रति उपलब्ध करवाने की बात कही, लेकिन दिल्ली स्थित एएसआई मुख्यालय से पुरातत्व विभाग को कोई जवाब नहीं दिया गया है।


दैनिक नवज्योति संवाददाता ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के जयपुर सर्किल और जोधपुर सर्किल के अधिकारियों से हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान के सर्टिफिकेट की प्रति उपलब्ध होने की बात पूछी तो कमाल की बात ये है कि दोनों सर्किलों के पास भी सर्टिफिकेट की प्रति नहीं है। जबकि विभाग के ही अधिकारियों का कहना था कि सर्टिफिकेट की प्रति सर्किलों के पास भी होनी चाहिए थी।

गागरौन फोर्ट हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान की सूची में शामिल है। लेकिन हमारे पास यूनेस्को की ओर से दिए गए सर्टिफिकेट के प्रति तक नहीं है। इसकी प्रति प्राप्त करने के लिए कई बार निदेशालय स्तर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के दिल्ली स्थित मुख्यालय को निदेशालय स्तर से पत्र लिखा गया है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है। - उमराव सिंह, वृत अधीक्षक, कोटा वृत कोटा

सर्टिफिकेट की प्रति प्राप्त करने के लिए कई बार पत्र लिखे गए हैं। साथ ही निदेशालय स्तर पर एएसआई के दिल्ली मुख्यालय को पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक सर्टिफिकेट की प्रति उपलब्ध नहीं हुई है। - डॉ. पंकज धरेन्द्र, अधीक्षक, आमेर महल

जयपुर सर्किल में रणथम्भौर दुर्ग आता है। ये भी साल, 2013 में यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट्स की हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान की सूची में शामिल हुआ था। उस सर्टिफिकेट की प्रति हमारे पास नहीं है। दिल्ली स्थित एएसआई मुख्यालय से ही इस संबंध में जानकारी मिल सकती है। -डॉ. प्रवीण सिंह, अधीक्षण पुरातत्वविद्, जयपुर सर्किल, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग

यूनेस्को की ओर से हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान में शामिल किले-महलों के सर्टिफिकेट की प्रति हमारे पास नहीं है। रिकॉर्ड चैक करके बता पाउंगा। -डॉ. बिरी सिंह, अधीक्षण पुरातत्वविद्, जोधपुर सर्किल, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग


4 बार पत्र लिखे, जवाब एक का नहीं मिला

राजस्थान पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सर्टिफिकेट की प्रति भिजवाने के लिए एएसआई को करीब 4 बार पत्र भेजे गए हैं, लेकिन विभाग ने एक पत्र का भी जवाब नहीं भेजा है। पुरातत्व विभाग के तत्कालीन निदेशक प्रकाश चन्द शर्मा ने सितम्बर, 2021 में भी पत्र भेजा था। अधिकारियों के अनुसार यूनेस्को की ओर से जारी सिक्स हिल्स आॅफ फोर्ट की सूची में पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले आमेर महल और गागरौन फोर्ट भी चयनित हुए थे, तो कम से कम यूनेस्को की ओर से दिए गए सर्टिफिकेट की प्रति विभाग के पास होनी चाहिए।

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