श्याम रंग में रंगी गुलाबी नगरी : जयकारों के साथ 3700 पदयात्री 85 निशान लेकर खाटू के लिए रवाना
भंडारे और गुलाल की मस्ती
खाटूश्याम जी मंदिर के पुजारी रहे गोकुल चंद मिश्र की प्रेरणा और आशीर्वाद से निकली ऐतिहासिक पदयात्रा में कई लोग परिवार जा रहे हैं।
जयपुर। खाटूश्यामजी के लक्खी मेले के लिए छोटीकाशी से पदयात्राओं का सिलसिला जारी है। एक दर्जन से अधिक पदयात्राएं खाटू के लिए रवाना हुई जिनमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। प्रदेश की सबसे पुरानी 59वीं निशान पदयात्रा रामगंज बाजार के कावंटियों का खुर्रा स्थित प्राचीन श्याम मंदिर से जयकारों के साथ रवाना हुईं। श्री श्याम सत्संग मंडल संस्था यह पदयात्रा मंदिर महंत पं. लोकेश मिश्रा और पंकज महाराज के सानिध्य में रवाना हुई। पदयात्रा संयोजक अशोक मिश्रा और कुंज बिहारी अग्रवाल ने बताया कि गालव आश्रम पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज, पं. राजकुमार चतुर्वेदी, जयपुर नगर निगम हेरिटेज की महापौर कुसुम यादव, पूर्व नगर निगम चेयरमैन अजय यादव एवं विशिष्ट लोगों ने श्याम प्रभु के रथ का पूजन कर ध्वज वंदन किया। जयश्री श्याम के जयकारों के साथ 3700 पदयात्री खाटूश्यामजी के लिए रवाना हुए। इनमें 85 श्रद्धालु निशान लेकर चले।
खाटूश्याम जी मंदिर के पुजारी रहे गोकुल चंद मिश्र की प्रेरणा और आशीर्वाद से निकली ऐतिहासिक पदयात्रा में कई लोग परिवार जा रहे हैं। बड़ी चौपड़ पर पदयात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। इस दौरान बाबा श्याम चांदी के रथ में विराजमान रहे। भक्तों ने हाथों से रथ को खींचा। कावंटियों का खुर्रा स्थित श्याम मंदिर के महंत पं.लोकेश मिश्रा ने बताया कि शुरुआत के कई सालों तक हाथों से धकेले जाने वाले ठेले को ही रथ का रूप देकर बाबा को उस पर विराजमान कर खाटू ले जाया जाता था। प्रारंभ में मिश्रा परिवार के पांच-सात लोग ही पदयात्रा करते थे। घर की महिलाएं रास्ते में खाना बनाती थी। सुबह का खाना ही शाम को खाते थे। आज पांचवीं पीढ़ी बाबा की सेवा में है।
सीकर रोड हुआ श्याममय
पदयात्रा के सीकर रोड पहुंची तो अन्य पदयात्राओं के रूप में साथ चल रहे श्रद्धालुओं के कारण सीकर रोड श्याममय हो उठी। यहां सड़क के एक किनारे केवल पदयात्री ही नजर आ रहे थे। पुलिस पदयात्रियों को सुरक्षित निकालने में मुस्तैद रही। हालांकि सीकर रोड की सड़क उधेड़ने, पाइप डालने से काफी क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में पदयात्रियों को परेशानी भी हुई। खासतौर पर नंगे पांच चल रहे श्रद्धालुओं को कंकड़-पत्थर से होकर गुजरना पड़ा।
अबीर-गुलाल और फूलों की वर्षा
गुलाबी नगरी से निकली श्याम भक्तों की पदयात्रा पर लोगों ने अबीर-गुलाल और फूलों की पंखुडियों की वर्षा की। रामगंज बाजार से शुरू हुई खाटू श्यामजी की पदयात्रा के दौरान पदयात्रियों एवं पुलिस प्रशासन ने वहां से गुजर रही एक एम्बुलेंस को रास्ता दिया। वहीं पदयात्रा के मार्ग पर लोगों ने जगह-जगह विभिन्न स्टॉल्स लगाकर लोगों को प्रसादी और फल वितरित किए।
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