आपातकालीन पेयजल आपूर्ति के लिए कलक्टरों को एक करोड़ तक खर्च के दिए अधिकार, टैंकरों से प्यास बुझाने पर खर्च होंगे 82 करोड़
गर्मी के चार माह का प्लान तैयार

सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रीष्म कालीन संर्वधन कार्यों के तहत अति आवश्यक पेयजल व्यवस्था के लिए कुल 144 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई हैं, जिससे लगभग 1200 छोटे-छोटे कार्यों की स्वीकृति जारी की गई हैं।
जयपुर। गर्मियों में प्रदेश के पेयजल संकट वाले स्थानों पर आमजन को तुरंत राहत देने के लिए सभी जिलों में टैंकरों से प्यास बुझाई जाएगी। इसके लिए अप्रेल से जुलाई 2025 तक की अवधि के लिए 82.37 करोड़ की मंजूरी प्रदान की गई है। साथ ही समस्त जिला कलक्टरों को आकस्मिक पेयजल आपूर्ति के कार्यों के लिए एक करोड़ तक खर्च के अधिकार दिए गए हैं। जलदाय मंत्री कन्हैया लाल ने बताया कि गर्मी के सीजन में पेयजल आपूर्ति की मॉनिटरिंग के लिए 110 नियमित वाहन के अलावा एक से 31 मार्च, 2025 के लिए 100 एवं एक से 30 अप्रेल, 2025 तक के लिए 400 अतिरिक्त वाहनों एवं एक से 31 जुलाई, 2025 तक 450 किराए के वाहनों के उपयोग की भी स्वीकृति जारी की गई हैं।
स्वीकृत किए गए इन वाहनों का उपयोग हैंडपम्प मरम्मत अभियान और समर कंटीजेंसी कार्यों के साथ पेयजल परियोजनाओं तथा जलापूर्ति से सम्बंधित कार्यों की निगरानी के लिए भी किया जाएगा। हैंडपम्प मरम्मत अभियान तथा जलापूर्ति से सम्बंधित कार्यों के लिए विभाग में एक से 30 अप्रेल, 2025 तक के लिए 2 हजार संविदा श्रमिक एवं एक मई से 31 जुलाई, 2025 तक 2500 संविदा श्रमिक सहित मार्च, 2025 में भी 500 संविदा श्रमिकों की स्वीकृति जारी की गई हैं।
144 करोड़ से होंगे ग्रीष्मकालीन संवर्धन कार्य
सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रीष्म कालीन संर्वधन कार्यों के तहत अति आवश्यक पेयजल व्यवस्था के लिए कुल 144 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई हैं, जिससे लगभग 1200 छोटे-छोटे कार्यों की स्वीकृति जारी की गई हैं। इस राशि के कार्यों के तहत जैसे नलकूप गहरे करना, खराब पम्पसेट, केबल, जीआई पाइप, पेनल स्टार्टर, वाल्व आदि बदलने के कार्य कर खराब पेयजल स्रोतों को दुरूस्त किया जाएगा तथा समस्या ग्रस्त क्षेत्र में पेयजल समाधान होगा।
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