बकायादारों पर शिकंजा : निगम हेरिटज के हवामहल आमेर जोन में कार्रवाई, यूडी टैक्स का भुगतान नहीं करने पर सम्राट सिनेमा सहित 6 संपत्तियां सीज
एक दिन में 11 लाख रुपए से अधिक का मिला राजस्व
दोनों व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर लंबे समय से नगरीय विकास कर बकाया था और नोटिस जारी करने के बाद भी बकाया का भुगतान नहीं किया।
जयपुर। नगरीय विकास कर का समय पर भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ नगर निगम जयपुर हेरिटेज ने बुधवार को कार्रवाई करते हुए सम्राट सिनेमा सहित छह संपत्तियों को सीज कर दिया। सीज करने के बाद पांच संपत्ति स्वामियों ने निगम कार्यालय पहुंचकर कर का भुगतान करने पर संपत्तियों की सीज मुक्त कर दिया। इससे निगम को एक दिन में 11 लाखरुपए से अधिक का राजस्व मिला। नगरीय विकास कर के बकायादारों पर कार्रवाई करने के निगम हेरिटेज आयुक्त अरूण कुमार हसीजा के निर्देश पर हवामहल आमेर जोन उपायुक्त सीमा चौधरी व राजस्व टीम ने कार्रवाई की। जोन उपायुक्त चौधरी ने बताया कि नगरीय विकास कर का भुगतान नहीं करने वालों को पूर्व में नोटिस दिए, लेकिन बार-बार नोटिस देने के बाद भी बकाया कर का भुगतान नहीं करने पर छह संपत्तियों को सीज किया गया। इससे बकायादारों में हड़कंप मच गया। उन्होंने बताया कि सीलिंग की कार्रवाई के बाद पांच भवन मालिकों ने कार्यालय पहुंचकर बकाया कर का भुगतान कर दिया। आमेर रोड स्थित सम्राट सिनेमा पर 18 लाख रुपए का बकाया होने के कारण सीज कर दिया गया। इस दौरान निगम को एक दिन में करीब 11 लाख रुपए से अधिक कर राशि प्राप्त हुई।
सिनेमा-जिम भी किए सीज
हवामहल जोन उपाुयक्त चौधरी ने बताया कि निगम हेरिटेज की टीम ने सुभाष चौक स्थित सम्राट सिनेमा और तालकटोरा स्थित एक जिम को भी सीज कर दिया। दोनों व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर लंबे समय से नगरीय विकास कर बकाया था और नोटिस जारी करने के बाद भी बकाया का भुगतान नहीं किया। कार्रवाई के बाद रॉयल होटल, पुरानी चुंगी रामगढ़ मोड़ ने तीन लाख रुपए, जेएनडी होटल आमेर रोड ने दो लाख रुपए, पारस सिनेमा आमेर ने दो लाख रुपए, जिम संचालक ने 75 हजार रुपए और राजस्थान शिक्षण प्रशिक्षण समिति जलमहल ने करीब चार लाख रुपए जमा करा सील को खुलवाया। सम्राट सिनेमा के यूडी टैक्स के करीब 18 लाख रुपए का बकाया होने से सीज कर दिया गया। निगम आयुक्त अरूण कुमार हसीजा ने शहरवासियों से अपील की है कि वे समय पर नगरीय विकास कर जमा करें, जिससे उनके भवन या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सीज होने की नौबत न आए।
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