अमृत मिशन 2.0: राजस्थान बेपटरी, 5 साल के लिए शुरू हुआ मिशन मार्च 2026 में हो जाएगा समाप्त
10693 करोड़ से अधिक की 277 स्कीमों में 87 परियोजनाएं धरातल पर उतरी, 190 की तो अभी डीपीआर तक नहीं बनी
शहरों को जल सुरक्षित बनाने और हर घर को पानी का कनेक्शन मुहैया करवाने के कार्य शामिल है।
जयपुर। राज्य के लिए अमृत 2.0 के अन्तर्गत 277 परियोजनाएं अनुमोदित की गई, लेकिन उनमें 87 ही धरातल पर आगे बढ़ सकी, जबकि 190 स्कीम की अभी डीपीआर तक तैयार नहीं हो सकी है। इनकी डीपीआर तैयार करने के लिए निविदा प्रक्रियाधीन है। अन्य राज्यों की तुलना में राज्य में अमृत 2.0 के तहत कम कार्य हो सका है। इसके तहत शहरों को जल सुरक्षित बनाने और हर घर को पानी का कनेक्शन मुहैया करवाने के कार्य शामिल है।
मिशन पांच साल के लिए शुरू
अमृत 2 एक अक्टूबर 2021 को पांच साल के लिए अर्थात वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक के लिए शुरू किया गया। इसके तहत सभी शहरों में नल के माध्यम से पानी की आपूर्ति करना शामिल है। मिशन के तहत राज्य के 183 शहरों में पेयजल के लिए डीपीआर तैयार करने का कार्य भी पूरा नहीं हो सका है।
विभिन्न राज्यों में मिशन के तहत अनुमोदित योजनाओं के साथ धरातल पर स्कीमों की स्थिति
राज्य | अनुमोदित स्कीम | प्रदत्त परियोजनाएं |
राजस्थान | 277(लागत 10693.86 करोड़) | 87 (लागत 5065.41 करोड़) |
तमिलनाडु | 1270(लागत 14687.83 करोड़) | 952(लागत 10228.59 करोड़) |
गुजरात | 922(लागत 17717.74 करोड़) | 564(लागत 9030.34 करोड़) |
हरियाणा | 57(लागत 1727.36करोड़) | 41(लागत 752.40 करोड़) |
मध्यप्रदेश | 1244(लागत 7982.10करोड़) | 622(लागत 3120.57 करोड़) |
महाराष्ट्र | 303(लागत 31722.23करोड़) | 124(लागत 13232.31 करोड़) |
उत्तरप्रदेश | 656(लागत 27286.99करोड़) | 300(लागत 10191.13 करोड़) |
पश्चिम बंगाल | 388(लागत 10621.59करोड़) | 121(लागत 5317.68 करोड़) |
इन शहरों के बनेंगे जीआईएस मास्टर प्लान
राज्य की ओर से 50 हजार से अधिक एवं एक लाख से कम आबादी वाले 61 शहरों के नाम तय किए गए है। इनमें जीआईएस आधारित मास्टर प्लान तैयार करने की उप योजना शामिल हैं। इन शहरों में आबूरोड, अंता, अनूपगढ़, बरी, भीनमाल, डीडवाना, डीग, देवली, खैरथल, फलौदी, पीलीबंगा, प्रतापगढ़, शाहपुरा, सूरतगढ़, तिजारा, बांदीकुई, बाड़मेर, बयाना, भद्र, बिलाड़ा, चाकसू, डूंगरपुर, केकड़ी, खेतड़ी, लालसोट, नीमकाथाना, निवाई, नोहर, नोखा, रावतभाटा, संगरिया, गुलाबपुरा, दौसा, फतेहपुर, जैसलमेर, झालावाड़, करौली, लक्ष्मणगढ़, मकराना, नसीराबाद, राजगढ़, राजसमंद, रतनगढ़, सरदारशहर, बालोतरा, बांसवाड़ा, बीड़ासर, जालौर, कोटपूतली, कुचामनसिटी, लाडनूं, मेडतासिटी, नाथद्वारा, नवलगढ़, निंबाहेडा, पिलानी, रायसिंहनगर, सिरोही, सोजत, श्रीडूंगरगढ़ आदि शामिल है।
अमृत 2.0 के तहत पूर्व में कोई ध्यान नहीं दिया गया, इसलिए इसका लाभ जनता को नहीं मिल सका। इसकी
प्रगति को लेकर जल्द ही अधिकारियों की मीटिंग की जाएगी और जहां कमी रही है, उसमें सुधार करते हुए आगे बढ़ाया जाएगा।
-झाबर सिंह खर्रा,
यूडीएच मंत्री
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