आर्किटेक्ट ने अपार्टमेंट की 14वीं मंजिल से कूदकर की आत्महत्या : महिला आरएएस पर काम के बदले पैसे नहीं देने का लगाया आरोप
आरएएस ने आरोपों को नकारा
बूढ़े मां-बाप से मिला नहीं, इसलिए घर आया हूं और जी भर के आखिरी बार मिल लूं।
जयपुर। बिन्दायका थाना इलाके में सुबह एक आर्किटेक्ट ने एक अपार्टमेंट की 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। इससे एक दिन पहले उसने अपनी फर्म के लेटर पेड पर सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें महिला आरएएस पर काम के पैसे नहीं देने का आरोप लगाया है। महिला आरएएस ने आरोपों से इंकार किया हैं। पुलिस के अनुसार करधनी के गोविन्दपुरा निवासी आर्किटेक्ट 42 वर्षीय भारत कुमार सैनी ने आत्महत्या कर ली। वह अपने माता-पिता, पत्नी तथा 12 और 5 साल के बेटे के साथ रहता था। वह सुबह करीब 9 बजे घर पर किसी से बात किए बिना ही स्कूटी लेकर निकला था। सुबह करीब 11 बजे वह सिरसी रोड पर स्थित रॉयल ग्रीन सोसाइटी अपार्टमेंट में गया, जहां आरएएस मुक्ता राव का फ्लैट है और 14वीं मंजिल से छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया। धमाके की आवाज सुनकर सोसाइटी के लोग एकत्रित हो गए और उसे तुरंत एंबुलेंस की मदद से बालाजी हॉस्पिटल भिजवाया, जहां डॉक्टर्स ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना की सूचना पर बिंदायका थाना पुलिस बालाजी हॉस्पिटल पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सवाईमान सिंह अस्पताल के मुर्दाघर में भिजवाया।
मेरे खिलाफ सुनियोजित षड़यंत्र
अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर वर्ष 2018 बैच की टॉपर रही आरएएस मुक्ता राव का कहना है कि हमको बदनाम करके ब्लैकमेल करने के लिए पूर्व सुनियोजित आपराधिक षड़यंत्र रचकर उक्त कृत्य किया गया है। हमारे मकान के सुधार कार्य के लिए तीन अक्टूबर 2024 को इकरारनामा लिया गया, जिसमें 21 लाख 80 हजार रुपए का कुल कार्य करना तय हुआ। हमने इकरारनामे में जो पार्ट परफोरमेंस व शर्ते तय हुई थी, उनके अनुसार समय-समय पर भुगतान कर दिया, जिसकी स्वीकृति भारत कुमार सैनी ने साइन एवं स्वयं की हस्तलिपी में दी है। इसके अतिरिक्त भी करीब चार लाख रुपए हमसे उधार लिए हैं, जिसकी लिखावट भी हमारे पास है। कोई भुगतान बाकी नहीं है।
यह मिला सुसाइड नोट
बिन्दायका थाना प्रभारी विनोद कुमार वर्मा के अनुसार मृतक के पास एक सुसाइड नोट मिला है। उस पर 17 अप्रैल की तारीख लिखी है। उसमें लिखा कि मैं भारत कुमार सैनी। आज आरएएस मुक्ताराव के घर गया था। सामने लगे कैमरे में पूरी रिकॉर्डिंग आई होगी। 14 अप्रैल को आरएएस के घर का मुहूर्त हो गया था। मैंने ठीक 3 दिन बाद अपने हिसाब और अतिरिक्त काम को लेकर बात छेड़ी। मेरे से वेंडर लोग पैसे मांग रहे हैं। आपका काम भी हो गया है। मुहूर्त भी हो गया है। कुछ काम बचा हो तो मैं कर दूंगा। मैं अपने वेंडरों और दुकानदार को रोज यह कह कर टाल रहा हूं कि मेरा हिसाब नहीं हुआ हैं। रोज जिल्लत भरे दिन निकाल रहा हूं। फिर मैंने निवेदन भी किया कि मेरा हिसाब कर दो। मेरे पास जहर खाने को भी पैसे नहीं है। पूरी रॉयल ग्रीन सोसाइटी में मेरी बेइज्जती करने के लिए वेंडर दुकानदार तैयार खड़े हैं, मैंने मुक्ताराव की आवाज और विश्वास पर 1200 रुपए स्क्वायर फीट वाला जो काम तय हुआ था, उस काम को 2000-2200 वाला काम करके दिया। सिर्फ मैडम की जुबान पे कि आप काम करो। इसका पैसा में दूंगी।
बस इसी बात पर भरोसा कर मार्केट से पैसा लिया। पत्नी के गहने भी मुत्थुट में गिरवी रखे। अच्छे दिल से काम को पूरा किया। यही उम्मीद से कि मुझे अपना पैसा मिल जाएगा, पर आज मेरी सारी उम्मीद टूट गई है। अब मुझे मजबूर होकर ये गलत कदम उठाना पड़ रहा है। मुझे ये भी पता है कि मेरे मरने के बाद भी मुझे पैसा नहीं मिलेगा और न कोई हर्जाना, एक दिन पहले ही सुसाइड करना चाहता था, परिवार को देखने घर आया, मैंने अपना घर बर्बाद करके इनका तो घर बना दिया। 39 लाख 60 हजार का काम करके दिया। इसमें से मुझे 21 लाख मिले। बाकी का मुझे कोई पैसा नहीं दिया। आरएएस मुक्ताराव जी और उनके हसबैंड ढाका जी ने बस इतना कहकर मुझे रवाना कर दिया कि 50 हजार या 1 लाख ज्यादा से ज्यादा निकलेगा आपका। ये सुनते ही मैं वहां से चला आया और अब मेरे पास सुसाइड के अलावा कोई रास्ता नहीं है। मैं अभी ही छत से कूदना चाहता था, लेकिन सुबह से पत्नी-बच्चों को नहीं देखा था। बूढ़े मां-बाप से मिला नहीं, इसलिए घर आया हूं और जी भर के आखिरी बार मिल लूं। इनको तो यह भी नहीं पता कि सुबह में नहीं रहूंगा।
इस घटना को लेकर मृतक के पिता भानू प्रताप सैनी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। फिलहाल परिजनों ने शव को लेने से इंकार कर दिया। शव एसएमएस के मुर्दाघर में रखा हुआ है। सुसाइड नोट मिला है, जिसमें एक आरएएस को नामजद किया गया है। मामले की जांच जारी है।
विनोद कुमार वर्मा, थानाधिकारी, बिन्दायका।

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