एजीटीएफ की बड़ी कार्रवाई : लॉरेंस गैंग को बड़ा झटका, 6161 गैंग का 25 हजार का इनामी सरगना गुरुग्राम से गिरफ्तार
गार्ड बनकर पॉश सोसाइटी से पकड़ा
एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स राजस्थान की टीम ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सक्रिय सदस्य और हार्डकोर बदमाश कोटपूतली के रावतों की ढ़ाणी निवासी प्रदीप गुर्जर को गुरुग्राम की पॉश कॉलोनी से गार्ड बनकर गिरफ्तार किया है। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एजीटीएफ दिनेश एमएन ने बताया कि हार्डकोर बदमाश प्रदीप गुर्जर कुख्यात 6161 गैंग का सरगना है।
जयपुर। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स राजस्थान की टीम ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सक्रिय सदस्य और हार्डकोर बदमाश कोटपूतली के रावतों की ढ़ाणी निवासी प्रदीप गुर्जर को गुरुग्राम की पॉश कॉलोनी से गार्ड बनकर गिरफ्तार किया है। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एजीटीएफ दिनेश एमएन ने बताया कि हार्डकोर बदमाश प्रदीप गुर्जर कुख्यात 6161 गैंग का सरगना है। यह गैंग मुख्य रूप से हाईवे पर स्थित होटल संचालकों को निशाना बनाकर उनसे जबरन रंगदारी वसूलने के लिए कुख्यात है।
एजीटीएफ की यह कार्रवाई राज्य में संगठित अपराध और लॉरेंस बिश्नोई नेटवर्क के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। इस गैंग का इतिहास भीलवाड़ा में हरी तंवर से शुरू हुआ था, जिसकी कमान बाद में विनोद मांडली और फिर उसकी हत्या के बाद प्रदीप रावत ने संभाल ली थी। प्रदीप गुर्जर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी सचिन थापन के लिए एक सक्रिय कड़ी के रूप में काम कर रहा था। वह कोटपूतली, बहरोड़, बानसूर, भीलवाड़ा और गुड़गांव के युवकों को संगठित कर रहा था।
दहशत का तरीका, फायरिंग और रंगदारी
इस गैंग का मुख्य कार्य हाईवे पर स्थित होटलों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दहशत फैलाना। इसके बाद ये व्यापारी को धमकी भरी पर्ची भेजकर रंगदारी और फिरौती की मांग करते थे। प्रदीप पर रंगदारी, बैंक लूट, डकैती, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे तीन दर्जन से अधिक संगीन अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। सात आपराधिक मुकदमों में फरार चलने के कारण एसपी कोटपुतली ने उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था।
गार्ड बनकर रखी निगरानी
टीम के हेड कांस्टेबल सुधीर ने गार्ड बनकर अंदर पल-पल की जानकारी हासिल की। सटीक स्थिति का पता चलते ही टीम ने फ्लैट पर छापा मारा और गैंगस्टर प्रदीप रावत को घेर कर दबोच लिया। गुरुग्राम से गिरफ्तार कर आरोपी को एजीटीएफ टीम कोटपूतली लेकर आई है और उसे थाना पुलिस को सौंप दिया गया है। पुलिस ने उससे गहनता से पूछताछ की जा रही है, जिससे कई अन्य मामलों के खुलासे की पूरी संभावना है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा और इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में गार्ड बनकर सूचना एकत्रित करने वाले हेड कांस्टेबल सुधीर कुमार की जहां विशेष भूमिका रही।

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