भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा ने अदालत में किया आत्मसमर्पण
उच्चत्तम न्यायालय से भी उन्हें राहत नहीं मिली
इस मामले में निचली अदालत में मीणा वर्ष 2018 में बरी हो गए थे, लेकिन एडीजे कोर्ट अकलेरा ने 2020 में उन्हें दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई।
जयपुर। झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र में अंता विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक कंवरलाल मीणा ने एक मामले में उच्चत्तम न्यायालय से राहत नहीं मिलने के बाद बुधवार को झालावाड़ा जिले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) कोर्ट मनोहरथाना में आत्मसमर्पण कर दिया। मीणा ने अदालत में आत्मसमर्पण करने से पहले सुबह अपने अकलेरा निवास से सीधे कामखेड़ा बालाजी मंदिर पहुंचकर वहां दर्शन किए और इसके बाद एसीजेएम कोर्ट में आत्मसमपर्ण कर दिया।
करीब बीस साल पुराने एसडीएम को पिस्टल दिखाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में मीणा को तीन साल की सजा हुई थी। इसे उच्चत्तम न्यायालय ने भी बरकरार रखा। इसके बाद श्री मीणा ने उच्चत्तम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली और न्यायालय ने गत सात मई को श्री मीणा को दो सप्ताह में ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण कर देने का आदेश दिया। तीन फरवरी 2005 को झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र में उपसरपंच चुनाव के दौरान मीणा ने एसडीएम रामनिवास मेहता को पिस्तौल दिखाकर वोटों की दुबारा गिनती कराने के लिए धमकी दी थी।
इस मामले में निचली अदालत में मीणा वर्ष 2018 में बरी हो गए थे, लेकिन एडीजे कोर्ट अकलेरा ने 2020 में उन्हें दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई। इसके बाद मीणा ने उच्च न्यायालय की शरण ली लेकिन वहां भी श्री मीणा को राहत नहीं मिली और उच्च न्यायालय ने गत एक मई को यह सजा बरकरार रखी और इसके बाद उच्चत्तम न्यायालय से भी उन्हें राहत नहीं मिली।

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