विधानसभा में गूंजा साइबर अपराध का मामला : कार्रवाई को लेकर चंद्रभान ने लगाया 3 लाख से कम का मामला दर्ज नहीं करने का आरोप, जवाब में बोले खींवसर- लिमिट की लूंगा जानकारी
थाने में 2 लाख की नहीं 3 लाख की लिमिट कर रखी है
विधायक ने कहा कि 10 हजार की ठगी हो, तो भी साइबर थाने में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। मंत्री ने जवाब दिया कि बहुत बड़े अमाउंट पर ही मामला क्यों दर्ज हो रहा, इसकी जानकारी लूंगा।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सायबर थानों में लंबित साइबर प्रकरणों का मामला गूंजा। चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र में दर्ज साइबर प्रकरणों पर कार्रवाई को लेकर प्रश्नकाल में विधायक चंद्रभान सिंह चौहान ने सवाल लगाया। विधायक ने साइबर कार्रवाई में भेदभाव का आरोप लगाया। विधायक ने कहा कि साइबर थानों में दो लाख से कम की ठगी का मामला दर्ज नहीं किया जाता है। इस पर गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब देते हुए कहा कि चित्तौड़गढ़ में 2.7 करोड़ के केस में रिकवरी हुई है।
विधायक ने कहा कि 10 हजार की ठगी हो, तो भी साइबर थाने में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। मंत्री ने जवाब दिया कि बहुत बड़े अमाउंट पर ही मामला क्यों दर्ज हो रहा, इसकी जानकारी लूंगा। साइबर थाने में 2 लाख की नहीं 3 लाख की लिमिट कर रखी है। 3 लाख से काम के केसों में एफआईआर दर्ज नहीं की गई, तो कार्रवाई करेंगे।
इस बीच नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि 36 महीने में 36 ही मामले दर्ज हुए है, तो साइबर थाने का मतलब क्या है। मंत्री ने जवाब दिया कि साइबर थाना के विवाद मेवात एरिया में सबसे ज्यादा हैं। करीब 52 प्रतिशत साइबर केस एनसीआर में है। टीकाराम जूली ने कहा कि मामलों को लेकर टरकाया जा रहा है। जूली ने सुझाव दिया कि यदि कोई लिमिट लगी है, तो उसे हटा देना चाहिए।
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