विधानसभा में जिलों के मुद्दे पर चर्चा के दौरान जोरदार हंगामा : टीकाराम जूली ने सरकार पर लगाए गम्भीर आरोप, कहा - मापदंडों से नहीं, राजनीतिक दुर्भावना से इन्हें किया समाप्त
कि दूसरे राज्य से सीमा लगती है
राज्य की सीमा अन्य राज्य से लगे जैसे अनर्गल मापदंड बताएं जा रहे हैं। उन्होंने डीग को लेकर कहा कि दूसरे राज्य से सीमा लगती है, तो नीमकाथाना की सीमा भी हरियाणा से लगती है।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में समाप्त किए जिलों में नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी और गंगापुरसिटी विधायक रामकेश मीणा को सदन में बोलने की अनुमति दी गई। विधायकों के मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पलटवार करते हुए सरकार पर गम्भीर आरोप लगाए। स्थगन प्रस्ताव के दौरान जिलों को लेकर नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने जिलों और संभागों को खत्म कर लोगों के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मापदंडों से नहीं, राजनीतिक दुर्भावना से इन्हें खत्म किया है, क्योंकि सीकर संभाग के तीनों लोकसभा सांसद और विधानसभा चुनाव में विधायक हार गए, इसलिए जिलों और संभाग खत्म किया। उन्होंने कहा कि नीमकाथाना के लिए लंबे समय से जिला बनाने की मांग उठ रही थी। सुरेश मोदी ने कहा कि जो जिले खत्म किए हैं, उनमें कहीं जनसंख्या, कहीं दूरी, कहीं राज्य की सीमा अन्य राज्य से लगे जैसे अनर्गल मापदंड बताएं जा रहे हैं। उन्होंने डीग को लेकर कहा कि दूसरे राज्य से सीमा लगती है, तो नीमकाथाना की सीमा भी हरियाणा से लगती है।
उन्होंने पावर कमेटी को लेकर कहा कि मानते हैं कि सभी जिलों में उन्होंने दौरा किया होगा, लेकिन नीम का थाना में एक भी दौरा नहीं किया। सुरेश मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश में राजस्थान से अधिक जिले हैं। हरियाणा का क्षेत्रफल राजस्थान से 8वां हिस्सा है, लेकिन वहां 22 जिले हैं और 5 नए जिले बनाने के लिए कमेटी का गठन किया है । सुरेश मोदी ने सरकार से पुणे जिले और संभाग बनाने की मांग रखी। स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुए रामकेश मीणा ने कहा कि राजनीतिक व्यवस्था जिले खत्म कर दिए हैं। जिले खत्म करने के लिए मापदंड देखनी चाहिए थे। जिलों को लेकर बनाई कमेटी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राजनीतिक व्यक्तियों की कमेटी गठित कर दी, जो भाजपा के सदस्य रहे है। जिलों को लेकर अलग-अलग मापदंड बता रहे हैं। डीग की दूरी भरतपुर से 38 किलोमीटर है सांचौर की दूरी 140 किलोमीटर अनूपगढ़ नीमकाथाना और ऐसे कई जिले हैं, जो लंबी दूरी पर स्थित थे। सरकार जो अलग-अलग मापदंड बता रही है, वह ठीक नहीं है। राजनीतिक दुर्भावना से गंगापुर सिटी को जिला खत्म कर दिया गया। करौली को लेकर जब जिला बनाया तब कुंबज कमेटी ने रिपोर्ट दी थी, उस समय भी गंगापुर सिटी को जिला बनाने की मांग जोर-शोर से थी।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जिलों को लेकर बोलते हुए कहा कि जिस तरह कांग्रेस के सदस्य राजनीतिक दुर्भावना से जिले खत्म करने का आरोप लगा रहे हैं। वह गलत है। हाईकोर्ट में रीट याचिका लगाई है, कोर्ट ने जवाब दिया गया। जोगाराम के कोर्ट पिटीशन के जवाब पढ़ने पर विधायक सुरेश मोदी ने विरोध जताते हुए गलत जवाब देने की बात कही। जोगाराम ने कहा कि कानून क्या है, जिला बनाने का जोगाराम ने राजस्व सीमांकन निर्धारण नियमों की बात करते हुए कहा कि नियमों के अनुसार नए जिले बना सकते है और पुराने समाप्त कर सकते है। अब तक 7 जिले बने है वह भाजपा के कार्यकाल में बने। उन्होंने कहा कि अब तक चार कमेटी बनी है, कुम्भज कमेटी, परमेशचन्द कमेटी, रामभुलाया कमेटी और ललित पंवार कमेटी बनाई, जो जिले बनाए थे, उनमें परमेशचन्द कमेटी की रिपोर्ट को आधार बनाकर बनाया था। जो जिले खत्म किए हैं और रखे गए हैं, वह भौगोलिक स्थिति भौगोलिक स्थिति पिछड़ी पर दूरी जनसंख्या उपखंड की स्थिति जैसे मुख्य आधार बनाकर रखे है। इस दौरान उन्होंने जिलों की गठन को लेकर राष्ट्रीय स्तर की औसत की जानकारी देते हुए कहा कि हमारे ऊपर राजनीतिक आरोप लगाने का प्रयास किया गया। अगर यह इतनी ही सही थे तो पहले एक भी जिला क्यों नहीं बनाया था, कांग्रेस की नियत को समझाना पड़ेग।
उन्होंने कहा कि जिलों के गठन के बाद 800 से 1000 करोड़ का खर्चा एक जिले में होता है। पूर्ववर्ती सरकार ने इसकी कोई व्यवस्था नहीं की थी। सदन में विपक्ष के नेता विधायकों ने खड़े होकर हंगामा किया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि आपने एक भी जिले को लेकर रिकॉर्ड नहीं बताया है कि किस आधार पर खत्म किया है, किस आधार पर बना के रखा है। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने हंगामा करते हुए वेल में आकर नारेबाजी की। विरोध के बीच जोगाराम ने कहा कि हमने जिले का आयोजन एवरेज 10 लाख की आबादी का रखा है।
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