सीएलजी सदस्य, पुलिस मित्र और ग्राम रक्षक पकड़वाएंगे अपराधी
पुलिस मित्रों का उपयोग करें
कम्यूनिटी पुलिसिंग से संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी किया है। इसी क्रम में अब तक प्रदेश में करीब 89 हजार सीएलजी सदस्य, 39325 पुलिस मित्र व 31373 ग्राम रक्षक बनाए जा चुके हैं।
जयपुर। प्रदेश में अब जल्द ही अपराध और अपराधियों पर प्रभावी अंकुश के लिए सामुदायिक पुलिसिंग योजनाओं को मजबूत किया जाएगा। समाज के स्वप्रेरित व्यक्ति स्वेच्छा से जनता व पुलिस के बीच की दूरी कम कर अपराध नियंत्रण, तुरंत न्याय दिलवाने का काम किया जाएगा। इस संबंध में महानिदेशक पुलिस यूआर साहू ने सभी रेंज आईजी, पुलिस कमिश्नर और कम्यूनिटी पुलिसिंग से संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी किया है। इसी क्रम में अब तक प्रदेश में करीब 89 हजार सीएलजी सदस्य, 39325 पुलिस मित्र व 31373 ग्राम रक्षक बनाए जा चुके हैं।
नहीं हो रहा था सदुपयोग
डीजीपी की ओर से जारी पत्र में लिखा है कि ग्राम रक्षक, सीएलजी सदस्य एवं पुलिस मित्र कम्यूनिटी पुलिसिंग के तहत बेहतर कार्य कर सकते हैं लेकिन पुलिस मुख्यालय की जांच में सामने आया कि ग्राम रक्षक, सीएलजी सदस्य एवं पुलिस मित्रों का पुलिसिंग में निरन्तर एवं यथासंभव अधिकाधिक उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अब हर जिले में संबंधित अधिकारी सभी पुलिस थानों में ग्राम रक्षक, सीएलजी सदस्यों एवं पुलिस मित्रों का उपयोग करें।
पुलिस के साथ यहां काम करेंगे सदस्य
डीजीपी के आदेश के अनुसार थाना पुलिस शहरी थानों में यातायात नियंत्रण एवं प्रबंधन में वॉलंटियर या वार्डन के रूप में स्कूल एवं कॉलेजों में छात्राओं से होने वाली छेड़छाड़ को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों के साथ एंटी रोमियो स्क्वाड या निर्भया स्क्वाड के सह-सदस्यों के रूप में, नशा मुक्तिअभियानों में, नशा मुक्तिकेन्द्रों में नशे के आदी युवक-युवतियों के उपचार, देखभाल, परामर्श के लिए वॉलन्टियर के रूप में, त्योहार, मेले एवं जुलूस में भीड़ नियंत्रण के लिए स्वयंसेवक के रूप में तथा राजकॉप सिटीजन के बारे में लोगों को जागरुक करने और इस डाउनलोड करवाकर अपने-अपने क्षेत्र के नागरिकों को जानकारी देने के लिए उपयोग में ले सकते हैं। इसे प्रभावी बनाने के लिए एसीपी पंकज चौधरी लगातार प्रदेश में दौरा कर स्थिति को जानकार उचित दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
हर माह भेजनी होगी रिपोर्ट
सभी पुलिस थानों को हर माह के एक सप्ताह में रिपोर्ट तैयार कर पुलिस मुख्यालय भेजनी होगी। रिपोर्ट में ग्राम रक्षक, सीएलजी सदस्यों एवं पुलिस मित्रों की भागीदारी को देखते हुए उनसे क्या कार्य कराए गए, यह भेजनी होगी।
प्रदेश में कम्यूनिटी पुलिसिंग के तहत सीएलजी सदस्य, पुलिस मित्र और ग्राम रक्षक का सदुपयोग किया जाएगा। इनको साथ लेकर यातायात संचालन, मादक पदार्थ तस्करी रोकने, स्कूलों के बाहर होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने समेत कई अपराधों पर अकुंश लगाया जा सकता है। हर माह हर थाना पुलिस की ओर से इनके उपयोग की जाने वाली रिपोर्ट मंगाई जाएगी।
- बीएल मीणा, एडीजी कम्यूनिटी पुलिसिंग पुलिस मुख्यालय जयपुर

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