आयुक्त ने जोन उपायुक्तों एवं लाइसेंस समिति ने लिखा सभी पार्षदों को पत्र : अधिकारियों की मनमर्जी का खामियाजा उठा रहे निगम ग्रेटर के डेयरी बूथ आवंटी
आवंटियों से वसूला बीस साल का एडवांस 18 हजार पांच सौ रुपए किराया
निगम ग्रेटर आयुक्त ने बताया कि निगम ग्रेटर क्षेत्र में जहां अभी तक डेयरियां नहीं लग पाई है उसकी रिपोर्ट मांगी है।
जयपुर। आमजन को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम जयपुर ग्रेटर में करीब दो साल पूर्व 571 डेयरियां का आवंटन किया गया था। अधिकारियों की मनमानी के चलते दो साल बाद भी शहर के विभिन्न इलाकों में एक सौ डेयरी बूथ भी संचालित नहीं हो पाए हैं। डेयरी बूथों के आवंटन के साथ ही निगम ग्रेटर प्रशासन आवंटियों से बीस साल का एक मुश्त 18 हजार 500 रुपए किराया भी वसूल कर लिया और अब अधिकारी आवंटियों की खामियों को दूर करने स्थान पर मनमर्जी अपनाकर डेयरी बूथों के आवंटन को निरस्त करने की तैयारियों में जुट गया है। इसके लिए निगम ग्रेटर आयुक्त रूकमणि रियाड़ ने सभी जोन उपायुक्तों को पत्र लिखकर डेयरी बूथों की वस्तुस्थिति की रिपोर्ट मांगी है। इसमें डेयरी बूथ लगाने में आ रही बाधाओं को दूर कर बूथ लगवाने के निर्देश दिए हैं और यदि बूथ नहीं लग पाएगा तो उसका आवंटन निरस्त करने की तैयारी भी जा रहा है।
लाइसेंस समिति के चेयरमैन रमेशचन्द्र सैनी ने बताया कि डेयरी आवंटन के लिए मांगे गए आवेदनों के समय से ही अधिकारी मनमानी कर आमजन से छलावा कर रहे है। अधिकारियों ने मनमानीपूवर्क बिना फील्ड में पहुंचे डेयरी के स्थान चिह्नित कर दिए थे। अब आवंटन के बाद जब आवंटी मौके पर पहुंचे तो स्थानीय, व्यापारियों, व्यापार मंडलों के विरोध चलते बूथ नहीं लगाने दिए गए। इस सबंध में निगम अधिकारियों के यहां शिकायत करने के बाद अधिकारी उनका समाधान करने के स्थान पर उनको निरस्त करने की तैयारी में जुट गए हैं जबकि गलत रिपोेर्ट बनाकर आमजन से खिलबाड़ करने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
एक जोन के निवासी को दूसरे जोन में आवंटित कर दिया बूथ
सैनी ने बताया कि डेयरी बूथ के आवंटन के समय अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों से भी कोई रिपोर्ट नहीं ली और निगम ग्रेटर प्रशासन ने एक जोन के निवासी को दूसरे जोन में डेयरी बूथ का भी आवंटन कर दिया उसके बाद भी उनके बूथ अभी तक नहीं लग पा रहे हैं। इसमें विधवा, परित्यक्ता, विकलांग आवंटियों के साथ अधिकारियों ने छलावा किया। उन्होंने बताया कि निगम के अधिकारी ना तो बूथ का आवंटन ही निरस्त कर रहे है और ना ही आवंटियों का पैसा ही वापस कर रहे है। उन्होंने बताया कि बूथ आवंटन में जमकर भ्रष्टाचार हुआ।
सभी जोन उपायुक्तों को भेजा पत्र
निगम ग्रेटर आयुक्त ने बताया कि निगम ग्रेटर क्षेत्र में जहां अभी तक डेयरियां नहीं लग पाई है उसकी रिपोर्ट मांगी है। इसमें डेयरियां आवंटन के बाद भी नहीं लगने का कारण मांगा गया है। उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर डेयरियां आवंटित की गई और किसी कारण से डेयरी नहीं लग पा रही है जो उसे दूसरे स्थान पर लगाने का प्रयास किया जा रहा है, यदि वहां डेयरी नहीं लग पाएगी तो उसका आवंटन रद्द कर दिया जाएगा।
यह थी प्रक्रिया
571 डेयरियों के लिए करीब दो साल पूर्व आवेदन मांगे गए थे। छंटनी एवं लॉटरी के बाद आवेदकों का साझात्कार भी लिया गया। साझात्कार के बाद डेयरी बूथों का आवंटन किया गया। इसके बाद सफल आवंटियों से निगम ग्रेटर प्रशासन ने प्रति आवंटी बीस साल का किराया 18 हजार पांच सौ रुपए भी जमा करवा लिए, लेकिन निगम ग्रेटर अधिकारी आवंटियों को निर्धारित स्थान का चयन नहीं कर पा रहे हंै।
अधिकारियों ने दी गलत रिपोर्ट
लाइसेंस समिति के चेयरमैन सैनी ने बताया कि अब सभी पार्षदों को पत्र लिखकर चिह्नित स्थान पर बूथ नहीं लगाने पर उसके पांच सौ मीटर हटकर बूथ लगाने में सहयोग करने के लिए सभी पार्षदों को पत्र लिखा जा रहा है जिससे आवंटियों को राहत मिल सके।
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