14 साल से लंबित नीदड़ योजना को मूर्त रूप देने की अगले माह डेडलाइन तय
यूडीएच मंत्री ने जेडीए आयुक्त को दिए निर्देश
योजना के लिए भूमि समर्पित करने वाले खातेदारों को राहत दी जाएगी तथा जिन खातेदारों ने भूमि समर्पित नहीं की है, उनसे समझाइश की जाएगी। इस बारे में जेडीए आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं।
जयपुर। जेडीए की सीकर रोड पर करीब 327 हैक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित योजना को मूर्त रूप देने के लिए यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अगले माह की डेडलाइन तय की है। खर्रा ने कहा कि योजना को मूर्त रूप देने के गंभीर प्रयास शुरू किए जाएंगे। करीब 14 साल से लंबित इस योजना के विभिन्न तरह के प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा। योजना के लिए भूमि समर्पित करने वाले खातेदारों को राहत दी जाएगी तथा जिन खातेदारों ने भूमि समर्पित नहीं की है, उनसे समझाइश की जाएगी। इस बारे में जेडीए आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं।
किसी भी खातेदार को नहीं मिला 25% विकसित भूमि का मुआवजा
दरअसल, जेडीए ने चार जनवरी 2010 को नीदड़ योजना के लिए भूमि अवाप्ति की अधिसूचना जारी की थी। इस दौरान 286 हैक्टेयर भूमि अधिसूचना में शामिल थी। करीब 150 किसानों ने जमीन समर्पित कर दी, लेकिन उन्हें मुआवजा आरक्षण पत्र आज तक जारी नहीं हुए। 90 किसानों को निवास बनाने के लिए भूखण्ड आवंटित किए गए, लेकिन किसी भी खातेदार को 25 प्रतिशत विकसित भूमि मुआवजे के तौर पर आवंटित नहीं की गई। इस अवाप्ति के विरोध में खातेदार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचे। मौटे तौर पर बताया जा रहा है कि इस योजना को मूर्त रूप देने के बाद जेडीए के पास 35 प्रतिशत भूमि बचेगी, जिसका जेडीए नीलामी के जरिए निस्तारण कर सकेगा। इससे जेडीए को करीब एक हजार करोड़ की आमदनी होने की उम्मीद हैं।
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