आराध्य गोविन्द देवजी और मोतीडूगंरी गणेश मंदिर में दर्शनों के लिए दिनभर उमड़े श्रद्धालु
भगवान का आशीर्वाद लेकर नए साल की शुरुआत की
अंग्रेजी नव वर्ष का स्वागत गुलाबी नगरी के लोगों ने जयपुर के आराध्य देव गोविन्द देवजी, प्रथम पूज्य मोतीडूंगरी गणेश जी सहित अन्य मंदिरों के दर्शन करके किया।
जयपुर। अंग्रेजी नव वर्ष का स्वागत गुलाबी नगरी के लोगों ने जयपुर के आराध्य देव गोविन्द देवजी, प्रथम पूज्य मोतीडूंगरी गणेश जी सहित अन्य मंदिरों के दर्शन करके किया। इस दौरान लोगों ने भगवान का आशीर्वाद लेकर नए साल की शुरुआत की। मंदिरों में श्रद्धालुओं का सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गया। गोविन्द देवजी की राजभोग झांकी में तो इतने श्रद्धालु उमड़े की परकोटे में जाम के हालात बन गए। बड़ी चौपड़ से गोविन्द देवजी मंदिर में आने-जाने वाले लोगों की इस कदर भीड़ रही कि यातायात जाम हो गया। ट्रेफिक रेंग-रेंग कर चलता रहा। आलम यह रहा कि पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं ने जल्दी दर्शन कर लिए, जबकि चौपहिया वाहनों से आने वाले लोग जाम में ही फंसे रहे।
हर झांकी में समय बढ़ाया गया :
मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि दर्शनार्थियों की संख्या कई गुणा बढ़ने के कारण समय बढ़ाया गया था, लेकिन इसके बाद भी श्रद्धालुओं के आने से हर झांकी में समय बढ़ाया गया। राजभोग झांकी के पट बंद होने का समय 11.45 था, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पट एक बजे मंगल किया। ग्वाल झांकी में पट फिर से खुलने से श्रद्धालु उमड़ पड़े। चांदपोल, सांगानेरी गेट, अजमेरी गेट से गोविंद देवजी मंदिर पहुंचने में एक घंटा लग गया। गाड़ियों के बजाय पैदल चलने वाले जल्दी मंदिर पहुंच गए।
लाल प्याऊ पर सजाई झांकी :
लाल प्याऊ स्थित शिव-हनुमान मंदिर में भगवान शिव की फूलों से झांकी सजाई गई और पोष बड़ों का भोग लगाकर भक्तों को पोष बड़ों का प्रसाद वितरित किया गया।
मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में लगी लम्बी लाइनें :
मोतीडूंगरी मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की सुबह ही लम्बी लाइनें लगने शुरू हो गई। मंदिर प्रशासन ने छह लाइनों में श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था की थी, लेकिन भारी भीड़ उमड़ने से महंत निवास से भी श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था की गई। महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि मंदिर ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए छह लाइनों में दर्शन की व्यवस्था की थी, लेकिन नए साल के प्रथम दिन बुधवार होने से श्रद्धालुओं का तांता मंगला आरती से शुरू हो गया। मोटे एक अनुमान के अनुसार छह लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश के दर्शन कर सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। शर्मा ने बताया कि प्रथम पूज्य को स्वर्ण मुकुट धारण कराकर सिंहासन पर विराजमान किया गया। गढ़ गणेश मंदिर में भी भारी संख्या में भक्त प्रथम पूज्य के दर्शन करने पहुंचे। मंदिर महंत प्रदीप औदीच्य के सान्निध्य में गणेश जी महाराज का विशेष पूजन किया।
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