दिलावर ने किया बीज बैंक का शुभारंभ : कार्यक्रम में हुई विशेषज्ञों की चर्चा, कहा- बीज किसी भी कृषि प्रक्रिया की पहली और सबसे महत्वपूर्ण कड़ी
बीज बैंक प्रदर्शनी रही आकर्षण का केंद्र
पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने मंगलवार को राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा, जयपुर में आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लिया
जयपुर। पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने मंगलवार को राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा, जयपुर में आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान परिसर में आयोजित 'बीज बैंक प्रदर्शनी' का भी अवलोकन किया और कृषि क्षेत्र में नवाचारों तथा परंपरागत बीज संरक्षण के प्रयासों की सराहना की। कार्यशाला का उद्देश्य पंचायती राज प्रतिनिधियों, कृषि अधिकारियों, वैज्ञानिकों और किसानों को एक मंच पर लाकर बीज संरक्षण, उत्पादन, और वितरण से जुड़े नवाचारों पर चर्चा करना था। कार्यक्रम में राज्य भर के प्रगतिशील किसानों, कृषि वैज्ञानिकों, स्वयंसेवी संस्थाओं और पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बीज बैंक प्रदर्शनी रही आकर्षण का केंद्र
प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान आयोजित बीज बैंक प्रदर्शनी में विभिन्न जिलों से आए कृषि विज्ञान केंद्रों, महिला स्वंय सहायता समूहों, और ग्रामीण किसान संगठनों ने अपने-अपने स्तर पर संरक्षित देशी बीजों, जैविक खेती के मॉडल और बीज वितरण प्रणाली का प्रदर्शन किया। दिलावर ने प्रत्येक स्टॉल पर जाकर विस्तार से जानकारी ली और किसानों से संवाद करते हुए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि बीज किसी भी कृषि प्रक्रिया की पहली और सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। यदि बीज उत्तम होगा तो फसल भी समृद्ध होगी और किसान की आय में निश्चित रूप से वृद्धि होगी। वंही दिलावर ने अपने संबोधन में स्थानीय और पारंपरिक बीजों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और रासायनिक खेती के कारण उपज की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में देशी बीजों का संरक्षण और उपयोग ही टिकाऊ कृषि का मार्ग है। उन्होंने अधिकारियों और कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे किसानों को प्रशिक्षण दें और उन्हें नवीनतम कृषि तकनीकों से जोड़ें।
कार्यक्रम में हुई विशेषज्ञों की चर्चा
कार्यशाला के दौरान आयोजित पैनल चर्चा में कृषि विशेषज्ञों ने बीज प्रसंस्करण, बीज भंडारण, जैविक खेती, जल संरक्षण और खाद्य सुरक्षा जैसे विषयों पर प्रस्तुति दी। राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक, और अन्य विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे बीज बैंक के माध्यम से स्थानीय स्तर पर बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है, जिससे किसानों की निर्भरता बाहरी स्रोतों पर कम हो। कार्यक्रम में महिला स्वंय सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। कई समूहों ने स्थानीय बीजों को संरक्षित कर उन्हें अन्य किसानों तक पहुँचाने का कार्य किया है। बीज बैंक के माध्यम से महिलाएँ न केवल कृषि में योगदान दे रही हैं, बल्कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी हो रही हैं।
मंत्री ने की सराहना और दी शुभकामनाएँ
दिलावर ने सभी प्रतिभागियों और आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल राज्य के ग्रामीण विकास और कृषि सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल फसल उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत रहना है। समापन पर प्रदर्शनी में विजेताओं को सम्मानित किया गया। बीज बैंक प्रदर्शनी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्टॉलों को सम्मानित किया गया। साथ ही, चयनित किसानों और स्वयंसेवी संगठनों को उनके नवाचारों और योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

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