एमएनआईटी में रिसर्च टू इनोवेशन पर चर्चा
समेकित करने के प्रयासों की आवश्यकता है
व्यक्तिगत अनुभवों के साथ, अंत:विषय अनुसंधान की आवश्यकता, पेटेंट दाखिल करने की आवश्यकता और स्टार्ट-अप के उभरने पर विस्तार से बताया, जो वर्तमान परिदृश्य में परिवर्तन ला सकता है।
जयपुर। मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में संस्थान व्याख्यान श्रृंखला के तत्वावधान में रिसर्च टू इनोवेशन: ब्रिजिंग द गैप इन इंडियन हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स विषय पर एक विशेष चर्चा हुई। इसमें मुख्य वक्ता बिट्स पिलानी के वीसी प्रो. वी रामगोपाल राव ने शिक्षण, शोध और नवाचार सहित एक शिक्षक के तीन प्रमुख कार्यों पर विस्तार से बात करते हुए इस तथ्य पर खेद व्यक्त किया कि अनुसंधान का व्यावहारिक कार्यान्वयन एक ग्रे क्षेत्र है तथा इसे समेकित करने के प्रयासों की आवश्यकता है।
व्यक्तिगत अनुभवों के साथ, अंत:विषय अनुसंधान की आवश्यकता, पेटेंट दाखिल करने की आवश्यकता और स्टार्ट-अप के उभरने पर विस्तार से बताया, जो वर्तमान परिदृश्य में परिवर्तन ला सकता है। प्रो. राव ने शोध विषय के चयन पर विस्तार से बात की, जो पुस्तकालय से नहीं बल्कि लोगों के सामने आने वाली व्यावहारिक समस्याओं से उत्पन्न होना चाहिए। इस मौके पर एमएनआईटी जयपुर के निदेशक प्रो. एनपी पाढ़ी, प्रो एमएल मित्तल सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किए।

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