डॉ. पारुल जैन की काव्य पुस्तक पल्लवी का लोकार्पण, जयपुर के वरिष्ठ रचनाकार नन्द भारद्वाज ने की समारोह की अध्यक्षता
मुख्य अतिथि डॉ. दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ने दी शुभकामनाएं
कार्यक्रम के अध्यक्ष नंद भारद्वाज ने पल्लवी को कवियित्री के बेबाकी से कह गए हृदय के उद्गारों का साकार रूप बताया
जयपुर। स्थानीय एस जे कॉलेज में हिंदी की सहायक व्याख्याता तथा शहर के कई सामाजिक संगठनों से जुड़ी कवियत्री डॉ. पारुल जैन की प्रथम काव्य पुस्तक "पल्लवी" का लोकार्पण अपेक्स सर्कल स्थित एक होटल में शहर के गणमान्य साहित्यकारों की उपस्थिति में रविवार को किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ लेखक डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि कवि डॉ. नरेंद्र शर्मा ' कुसुम ', कैंसर सोसायटी के सुधीर गेमावत तथा आयोजकीय संस्था की अध्यक्ष नीलम सपना शर्मा, उषा श्री, प्रियंका गुप्ता साहा एवं अन्य गणमान्य साहित्यकार उपस्थित थे। समारोह की अध्यक्षता जयपुर के वरिष्ठ रचनाकार नन्द भारद्वाज ने की। कार्यक्रम के अध्यक्ष नंद भारद्वाज ने पल्लवी को कवियित्री के बेबाकी से कह गए हृदय के उद्गारों का साकार रूप बताया।
मुख्य अतिथि डॉ. दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ने 1925 में प्रकाशित सुमित्रानंदन पंत की कृति 'पल्लव 'के ठीक एक शताब्दी बाद ' पल्लवी ' के प्रकाशन को कवियित्री के लिए शुभ संयोग मानते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। विशिष्ट अतिथि प्रियंका गुप्ता साहा ने कृति ' पल्लवी ' की 'हम भी पूरे काले हैं ' कविता का उल्लेख करते हुए लेखिका की इस भावना की सत्यता को स्वीकार किया कि सामाजिक व्यवस्थाओं के पीछे केवल सरकारे दोषी नहीं जनता की भी पूरी भागीदारी है।
विशिष्ट अतिथि ऊषा ने कवियित्री की प्रथम कृति पल्लवी की सभी रचनाओं की भूरि भूरि प्रशंसा की। नरेंद्र शर्मा 'कुसुम ' ने 'पल्लवी 'में संकलित सभी कविताओं को एक जागरूक महिला के विचारों से ओत-प्रोत कृति बताया जो केवल घर परिवार ही नहीं चलाती वरन् सामाजिक विसंगतियों के प्रति अपना आक्रोश भी प्रकट करती हैं। सुधींद्र गेमावत ने कृति 'पल्लवी' की सराहना करते हुए लेखिका को शुभ आशीर्वाद दिया।
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