पन्द्रह साल से चल रहा काम, फिर भी एनएच-48 पर हर दिन जाम
पिछले छह माह में 854 हादसे
संबंधित कंपनियों की लापरवाही के चलते एनएचएआई ने जून 2022 को परियोजना वाले राजमार्ग को अपने अधीन लिया
जयपुर। जयपुर-दिल्ली नेशनल हाइवे का गत 15 साल से काम चल रहा है, लेकिन फिर भी काम पूरा नहीं हुआ है। अर्थात इस एनएच 48 पर पिछले छह माह में 854 सड़क हादसे हुए, जिसमें 24 लोगों की मौत हुई, जबकि 116 को गंभीर चोटें आई हैं। संबंधित कंपनियों की लापरवाही के चलते एनएचएआई ने जून 2022 को परियोजना वाले राजमार्ग को अपने अधीन लिया। इसके बावजूद निर्माणाधीन कार्य अभी भी लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं और हर दिन जाम के हालात बने रहते हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार निर्माणाधीन फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा होने में अभी तीन से छह माह का समय लगेगा।
एनएचएआई ने 2022 से लिया अपने अधीन
रयायतग्राही की ओर से अपने दायित्वों को पूरा करने में लगातार चूक और परियोजना राजमार्ग का रखरखाव न करने के कारण, एनएचएआई ने तीन जून 2022 से परियोजना वाले राजमार्ग को अपने अधीन ले लिया है और शेष कार्य के सुदृढ़ीकरण करने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं।
जुलाई 2025 तक फ्लाइओवर का काम पूरा
राष्टÑीय राजमार्ग के गुरुग्राम-कोटपूतली -जयपुर खंड पर सुधार कार्य चल रहे हैं। मौजूदा मुख्य कैरिजवे और सर्विस रोड के सुदृढ़ीकरण ओवरलेइंग का कार्य प्रगति पर है, जिसे फरवरी, 2025 तक निर्धारित किए गए संशोधित रूप से पूरा करने का लक्ष्य है। शेष संरचनाओं और फ्लाईओवर का कार्य प्रगति पर है, जिसे जुलाई, 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके अलावा रखरखाव और घटना प्रबंधन का कार्य भी प्रगति पर हैं।
अक्टूबर 2011 तक पूरा होना था काम
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार एनएच-48 के दिल्ली-गुड़गांव खंड किमी 11.060 से किमी 42.000 तक 6 लेन का बनाने का कार्य 30 अप्रैल, 2003 से शुरू हुआ था, जो 22 अगस्त, 2009 को पूरा हो चुका है। एनएच-48 के गुरुग्राम-कोटपूतली-जयपुर खंड अर्थात शेष खंड को 6 लेन का बनाने का कार्य बीओटी मोड पर शुरू किया गया।
इस कार्य के शुरू होने की तिथि 3 अप्रैल, 2009 थी और पूरा होने की निर्धारित तिथि एक अक्टूबर, 2011 थी। भूमि अधिग्रहण, जन सुविधा संबंधी उपयोगिताओं का स्थानांतरण, अन्य संरचनाओं का स्थानांतरण और वन विभाग से मंजूरी प्राप्त करने में देरी पर रेलवे से जेएडी की मंजूरी मिलने में देरी जैसी निर्माण पूर्व गतिविधियों के पूरा होने में देरी के कारण यह कार्य समय पर पूरा हो सका। मार्गाधिकार के प्रतिबंध के कारण इस खंड का विकास उपलब्ध भूमि के भीतर करने का निर्णय लिया गया और संरचनाओं के निर्माण से संबंधित कुछ कार्यों को पूरा होने से अलग कर दिया गया।
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