नवीन मापदण्डों के आधार पर आसानी से हो सकेगा समितियों का गठन, राज्य में सहकारिता का नेटवर्क होगा मजबूत : दक
राज्य में सहकारिता का नेटवर्क अधिक मजबूत
उन्होंने बताया कि मापदण्डों में शिथिलता दिए जाने से राज्य में नवीन जीएसएस के गठन में आसानी होगी।
जयपुर। सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि प्रदेश में बहुउद्देशीय ग्राम सेवा सहकारी समितियों की स्थापना के मापदण्डों में शिथिलन दिया गया है। उन्होंने बताया कि मापदण्डों में शिथिलता दिए जाने से राज्य में नवीन जीएसएस के गठन में आसानी होगी। दक ने बताया कि राज्य में नवीन बहुउद्देशीय ग्राम सेवा सहकारी समिति की स्थापना के लिए अब न्यूनतम सदस्य संख्या 300 के स्थान पर 150 एवं न्यूनतम हिस्सा राशि 3 लाख रुपए के स्थान पर 1.50 लाख रुपए होगी। उन्होंने बताया कि नये मापदण्डों के अनुसार अब सामान्य क्षेत्रों में सदस्यों से न्यूनतम अमानत राशि 1 लाख रुपए के स्थान पर 75 हजार रुपये तथा अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में अमानत राशि 75 हजार रुपए के स्थान पर 50 हजार रुपये होगी। समिति गठन की शेष शर्तें पूर्ववत रहेंगी।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि किसानों को संबल प्रदान करने में ग्राम सेवा सहकारी समितियों की भूमिका के दृष्टिगत राज्य सरकार ने बजट वर्ष 2025-26 में आगामी 2 वर्षों में शेष रहे 2,500 से अधिक ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन की घोषणा की है। साथ ही, इनके गठन के मापदण्डों में आवश्यकता अनुसार शिथिलन दिए जाने की भी घोषणा की गई है। बजट घोषणा की अनुपालना में सहकारिता विभाग द्वारा तत्परता से कार्यवाही करते हुए नये मापदण्ड निर्धारित किये गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन होने से राज्य में सहकारिता का नेटवर्क अधिक मजबूत होगा।
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