ओएंडएम पॉलिसी का ड्राफ्ट : फ्री पानी बंद करने की तैयारी, 2018 के बाद नहीं बढे पानी के दाम, सीएस ने दिए जेजेएम के कामों को 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देश
छह साल पहले पानी के बढ़े थे दाम
वर्तमान में शहरों में 15 हजार लीटर तक फ्री पानी मिल रहा है, जबकि गांवों में जेजेएम के तहत 10 प्रतिशत पब्लिक कॉन्ट्रीब्यूशन लिया जा रहा है।
जयपुर। जलदाय विभाग ने पेयजल स्कीमों के ऑपरेशन एंड मेंटीनेंस (ओएंडएम) पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा है। पॉलिसी को मंजूरी मिलने के बाद गांव-शहरों में पानी की नए सिरे से दरें तय की जा सकेंगी। साथ ही शहरों में 15 हजार लीटर फ्री पानी को भी बंद किया जा सकता हैं। दूसरी ओर मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जेजेएम की वर्तमान में स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान पंत ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मिशन के कार्य 31 मार्च तक पूरा किया जाए। केन्द्र ने इसके स्पष्ट निर्देश दिए हैं। जिन योजनाओं के टैंडर नहीं हो सकें, उनकी प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए मिशन के तहत पेयजल कनेक्शन की प्रगति को बढ़ाया जाए।
गांवों और शहरों में एक समान दरें
वर्तमान में शहरों में 15 हजार लीटर तक फ्री पानी मिल रहा है, जबकि गांवों में जेजेएम के तहत 10 प्रतिशत पब्लिक कॉन्ट्रीब्यूशन लिया जा रहा है। पॉलिसी मंजूर होने के बाद गांव और शहरों में पानी की दरों का निर्धारण किया जाएगा।
छह साल पहले पानी के बढ़े थे दाम
प्रदेश में पानी की दरों में 2018 में बढ़ोतरी की गई थी, ऐसे में अब गांवों के साथ-साथ शहरी पानी के बिलों की रेट्स तय होगी। संभवतया नए वित्तीय वर्ष से पेयजल की नई ओएंडएम पॉलिसी लागू हो सकती है। हालांकि पूर्व में हर साल एक अप्रैल से पानी की दरों में दस फीसदी बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया था, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते छह साल में पानी की दरों में बढ़ोतरी नहीं हो सकी।
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