डेयरी उत्पादों के क्षेत्र में सरस को विश्वस्तरीय ब्रांड बनाने के हर संभव प्रयास : कुमावत
वाइट बटर की बिक्री में 757 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि
शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि सहकारी डेयरियां किसानों एवं पशुपालकों को आर्थिक संबल देने के साथ बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराती है।
जयपुर। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि सरस उत्पादों की गुणवत्ता एवं शुद्धता के कारण संपूर्ण देश में एक विशिष्टि पहचान है। उन्होंने कहा कि डेयरी उत्पादों के क्षेत्र में सरस को विश्वस्तरीय ब्रांड बनाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। कुमावत गुरुवार को सचिवालय में राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन लिमिटेड की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने आरसीडीएफ के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन सरस उत्पादों की मांग अधिक है, उनके उत्पादन के समय गुणवत्ता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। सरस उत्पादों के नाम से खराब गुणवत्ता के उत्पादों को बनाने एवं बेचने वालों के विरूद्ध निरंतर जांच अमल में लाकर सख्त कार्रवाई की जाए। शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि सहकारी डेयरियां किसानों एवं पशुपालकों को आर्थिक संबल देने के साथ बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराती है।
इसलिए सभी सहकारी संघों में रिक्त पदों को भरने और नवीन संघों में नए पद सृजित करने की कार्रवाई भी जल्द पूर्ण करने के प्रयास किए जाएंगे। आरसीडीएफ की प्रबंध निदेशक श्रुति भारद्वाज ने बैठक में बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष सरस उत्पादों के विक्रय में अभूतपूर्व प्रगति प्राप्त की गई है। वर्ष 2024-25 में वाइट बटर की बिक्री में 757 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं स्वीट्स में 38 फीसदी, घी में 21 फीसदी, फ्लेवर्ड मिल्क में 20 फीसदी तथा फ्रेश प्रोडक्ट्स की बिक्री में 18 फीसदी की वृद्धि हुई है। विभिन्न संघों और आरसीडीएफ की ओर से इस वर्ष 400 करोड़ रुपए से अधिक का लाभ अर्जित किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 34 फीसदी से भी अधिक हैं।

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