रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय उत्पादों की लगी प्रदर्शनी
उच्च दृश्यता देने के लिए आवंटित किया जाता है
कुछ प्रमुख स्टेशनों में असम के गुवाहाटी, डिब्रुगढ़, न्यू तिनसुकिया, पश्चिम बंगाल के न्यू अलीपुरद्वार, न्यू जलपाईगुड़ी शामिल हैं।
जयपुर। रेलवे मंत्रालय ने स्थानीय-स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार प्रदान करने और समाज के वंचित वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर सृजन करने के उद्देश्य से भारतीय रेल में वन स्टेशन वन प्रोडक्ट (ओएसओपी) योजना शुरू की है। इस योजना के तहत रेलवे स्टेशनों पर ओएसओपी आउटलेट्स को उस स्थान या क्षेत्र में स्वदेशी रूप से उगाए गए स्वदेशी-स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने, बिक्री और उच्च दृश्यता देने के लिए आवंटित किया जाता है। 10 मई तक पूसी रेल के क्षेत्राधिकार के अधीन 107 ओएसओपी आउटलेट्स चल रहे हैं, जो असम में 36, पश्चिम बंगाल में 33 और अरुणाचल प्रदेश के एक रेलवे स्टेशनों में हैं। कुछ प्रमुख स्टेशनों में असम के गुवाहाटी, डिब्रुगढ़, न्यू तिनसुकिया, पश्चिम बंगाल के न्यू अलीपुरद्वार, न्यू जलपाईगुड़ी शामिल हैं। विभिन्न प्रकार के असमिया पीठा, पारंपरिक असमिया गामोछा, पारंपरिक राजवंशी पोशाक, झापी, स्थानीय वस्त्र, जूट के उत्पाद (टोपी) गामोछा, गुड़िया, हथकरघा के साथ-साथ अन्य स्थानीय खाद्य उत्पाद यात्रियों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
गुवाहाटी स्टेशन पर ओएसओपी आउटलेट में से एक की संचालिका सुमरी नारजारी ने अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार एवं रेल मंत्रालय को उनकी संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करने तथा आजीविका के स्रोत के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया है। इस योजना के तहत 1 मई, 2023 तक देश भर के 21 राज्यों और तीन केन्द्र शासित प्रदेशों में 785 ओएसओपी आउटलेट्स के साथ 728 स्टेशनों को कवर किया गया है। इन ओएसओपी स्टालों को एकरूपता देने के लिए नेशनल डिजाइन इंस्टीट्यूट द्वारा डिजाइन किया गया है। मार्च, 2022 से 1 मई, 2023 तक संचयी प्रत्यक्ष लाभार्थियों की संख्या 25 हजार 109 हैं।
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