किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस का किसान प्रकोष्ठ ही निष्क्रिय
एमएसपी कानून की मांग पर आंदोलनरत किसानों की मांगों पर भले ही कांग्रेस ने अपना समर्थन दे दिया हो, लेकिन कांग्रेस का किसान प्रकोष्ठ अभी तक निष्क्रिय ही नजर आ रहा है।
जयपुर। एमएसपी कानून की मांग पर आंदोलनरत किसानों की मांगों पर भले ही कांग्रेस ने अपना समर्थन दे दिया हो, लेकिन कांग्रेस का किसान प्रकोष्ठ अभी तक निष्क्रिय ही नजर आ रहा है। इसकी वजह है कि कांग्रेस के कई प्रकोष्ठ लंबे समय से भंग पड़े हैं। लोकसभा चुनाव से पहले इन प्रकोष्ठों के फिर से गठन की कोशिश की जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट बार-बार किसानों के समर्थन में बयान दे रहे हैं। वर्ष 2020 में बगावत के समय बंद हुए कांग्रेस के विभाग और प्रकोष्ठ अभी भी बिना गठन के लंबित हैं। इससे पहले भी किसानों के आंदोलन के दौरान कांग्रेस से जुड़े किसान नेता तो खूब बयान देते रहे, लेकिन पार्टी के प्रकोष्ठ की तरफ से गतिविधियां कम रहीं। लोकसभा चुनाव से पहले इन विभाग और प्रकोष्ठों का गठन किया जाता है तो पार्टी को फायदा मिल सकता है। फिलहाल भंग प्रकोष्ठों और विभागों के गठन के लिए कवायद को लेकर कोई संकेत नजर नहीं आए हैं।
किसान नेताओं ने ज्वॉइन की कांग्रेस पर निष्क्रिय
विधानसभा चुनाव के दौरान किसान नेता रामपाल जाट ने भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। कई किसान नेता पहले से पार्टी से जुड़े हुए हैं, लेकिन किसान आंदोलन के दौरान इनकी गतिविधियां सुस्त ही बनी हुई हैं। बगावत के समय राजस्थान कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संदीप चौधरी थे, लेकिन निवर्तमान अध्यक्ष संदीप चौधरी सहित अधिकांश किसान नेताओं की सक्रियता नजर नहीं आ रही।
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