कार की सर्विस बाहर कराने, समय पर सर्विस नहीं होने और एक्सट्रा एसेसरीज लगाने से लगती है आग 

चलती कार बन जाती है आग का गोला

कार की सर्विस बाहर कराने, समय पर सर्विस नहीं होने और एक्सट्रा एसेसरीज लगाने से लगती है आग 

मोटे तौर पर यह माना जा रहा है कि कार की सर्विस निर्धारित सर्विस सेंटर पर ही करानी चाहिए, बाहर कराने से अनाड़ी मिस्त्री तार गलत जोड़ देते हैं, इससे गाहे-बगाहे हादसे हो जाते हैं। 

जयपुर। गुलाबी नगरी में इन दिनों चलती हुई कार में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। आग लगने के चंद पलों में ही कार धू-धू कर जलने लगती है। गनीमत रही कि अभी तक हुई कार घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ। सभी वाहन चालकों ने आग लगने के साथ ही हैंडबैक लगाकर कूदकर अपनी जान बचा ली। मोटे तौर पर यह माना जा रहा है कि कार की सर्विस निर्धारित सर्विस सेंटर पर ही करानी चाहिए, बाहर कराने से अनाड़ी मिस्त्री तार गलत जोड़ देते हैं, इससे गाहे-बगाहे हादसे हो जाते हैं। 

वाहन चालक ये तकनीक अपनाएं
गाड़ी चलाते समय ड्राइवर के सामने ओडीमीटर या माइलोमीटर लगा होता है। इस पर सी और एच लिखा रहता है। सी का मतलब कोल्ड और एच का मतलब हॉट। किसी भी स्थिति में माइलों मीटर के टेंपरेचर की सुई 50 प्रतिशत से ऊपर नहीं जानी चाहिए। इससे ऊपर जाने पर गाड़ी गर्म हो जाती है। ऐसे में गाड़ी को तुरन्त बंद कर सर्विस सेंटर में दिखानी चाहिए। 

कार में आग लगने के 5 हादसे
1. शहर के सोड़ाला थाना इलाके में 12 अक्टूबर को चलती हुई कार में आग लगने से हड़कम्प मच गया था। कार चालक ने सुझबूझ से गाड़ी से उतरकर अपनी जान बचाई थी। जलती हुई कार करीब डेढ़ से मीटर से अधिक चली और डिवाइडर से टकराकर बंद हुई थी। 
2. करधनी थाना इलाके में बजरंग द्वार के पास मंगलवार शाम को एक कार में अचानक आग गई थी। कार के बोनट से धुंआ निकलता देख चालक ने कार को साइड में लगाया और देखते-ही देखते आग की लपटें तेजी से ऊपर की ओर उठने लगी। आग इस तरह भड़क की कार कबाड़ में तब्दील हो गई।
3. चित्रकूट थाना इलाके में पुरानी चुंगी के पास कार में अचानक आग लग गई। कार पूरी तरह जल गई थी। 
4. सोड़ाला थाना इलाके में बच्चों से भरी वैन में चलते समय आग लगने से बामुश्किल छोटे बच्चों को बाहर निकाला गया था। आग गलत वायरिंग से लगना सामने आया था। 
5. कालवाड़ थाना इलाके में शनिवार सुबह चलती कार में आग लगने से कार आग का गोला बनकर सड़क पर दौड़ती रही। कार चला रहे पोलो खिलाड़ी ने कूदकर जीवन बचाया। 

आग लगने के प्रमुख कारण

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  • कार पुरानी होने पर बाहर से सर्विस कराना। 
  • कार में एक्स्ट्रा एसेसरीज लगवाने से इंजन पर लोड बढ़ता है।
  • कई बार कारों में ओवर पावर या अंडर पॉवर बैट्री लगा दी जाती है, जिससे लोड अधिक या कम होने से वायरिंग ब्लास्ट हो जाती है।
  • वाहन की समय-समय पर सर्विस नहीं कराने से इंजन का तापमान बढ़ जाता है। 
  • सीएनजी, एलपीजी की फिटिंग अच्छी जगह करवानी चाहिए।

कार चलाते समय विशेषतौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए कि गाड़ी अधिक गर्म नहीं होनी चाहिए। गाड़ी यदि गर्म हुई तो उसमे आग लगने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं।
-अंकुर गुप्ता, अध्यक्ष फायर एण्ड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इण्डिया, जयपुर चैप्टर 

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समय पर सर्विस कम्पनी के अन्दर ही करानी चाहिए। बहुत अधिक एसेसरीज के कारण आग लग जाती है। 
-रामजीलाल मीणा, सलाहकार, प्रेम मोटर्स, मोहनपुरा 

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Tags: fire car

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