आग उगलती गर्मी ने बिगाड़ा सेहत का मिजाज, हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ा, डायरिया, स्किन डिजीज सहित कई बीमारियों ने घर-घर दी दस्तक
तापमान 47 डिग्री के पार पहुंच गया
देश में इन दिनों भीषण गर्मी और लू का दौर चल रहा है।
जयपुर। प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी और लू का दौर चल रहा है। तापमान 47 डिग्री के पार पहुंच गया है। ऐसे में आमजन की सेहत का मिजाज बिगड़ रहा है और घर घर में लू लगने, डायरिया, तेज सिरदर्द, हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, वायरल फीवर, त्वचा और किडनी से जुड़ी समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आने लगी हैं। बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है।
एसएमएस अस्पताल, जेके लोन और अन्य प्रमुख अस्पतालों की ओपीडी में इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या 20 फीसदी तक बढ़ गई है। सरकारी और निजी अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मामले भी अचानक से बढ़ गए हैं। डॉक्टर्स की मानें तो लू लगना या हीट स्ट्रोक कई गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है।
लू लगने पर अगर समय से इलाज नहीं कराया तो यह हार्ट, किडनी और लिवर को फेल करने के साथ ही कोमा, ब्रेन में सूजन, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम, मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन, नर्व डैमेज आदि का कारण बन सकता है। हीट स्ट्रोक के बाद इन बीमारियों को पैदा होने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है। वहीं भीषण गर्मी का असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। मनोचिकित्सकों के मुताबिक बाइपोलर डिसऑर्डर, घबराहट, अनिद्रा और बेचैनी के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में इन दिनों इजाफा हुआ है।
क्या होता है हीट स्ट्रोक ?
सीनियर फिजिशियन डॉ. पंकज आनंद ने बताया कि हमारे शरीर में तापमान को नियंत्रित करने के लिए ब्रेन में हाइपोथेलेमस हिस्से में थर्मोस्टैट ग्रंथि काम करती है। हीट स्ट्रोक में यह ग्रंथि काम करना बंद कर देती है। जब शरीर का तापमान 104 डिग्री से ज्यादा हो जाता है तो नर्वस सिस्टम भी प्रभावित हो जाता है। मरीज को मिर्गी आने लगती है और वो बेहोश हो जाता है। पानी की कमी से खून गाढ़ा हो जाता है और क्लॉटिंग से ब्रेन हेमरेज, स्ट्रोक या हार्ट अटैक का खतरा होता है। मरीज को मल्टी ऑर्गन फेलियर होने लगता है। जब भी शरीर के अंदर एक सीमा से ऊपर तापमान होता है और शरीर उसको रेगुलेट नहीं करता तो इसके अंदर बॉडी में साइटोंकाइंस या इंफ्लामेशन रिलीज करते हैं। प्रोटीन का प्रोडक्शन कम होने लगता है जिससे न्यूलॉजिकल समस्याएं होने लगती हैं, सांस लेने में दिक्कत हो जाती है। पल्स बढ़ जाती है और बीपी कम हो जाता है। सीनियर कार्डियक इलेक्ट्रोफिजिलॉजिस्ट डॉ. राहुल सिंघल ने बताया कि हीट स्ट्रोक पर शरीर में खून का फ्लो कम हो जाता है, जिससे शरीर के अन्य अंगों तक खून को पहुंचाने के लिए हार्ट को ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है। इससे हार्ट पर दवाब बढ़ता है और हार्ट फेल होने की संभावना बढ़ जाती है।
हीट स्ट्रोक-लू से बचने के लिए क्या उपाय करें ?
- हर समय हाइड्रेटेड रहें। दिनभर पर्याप्त पानी पिएं, भले ही प्यास न लगे।
- इलेक्ट्रोलाइट्स वाले ड्रिंक्स जैसे ओआरएस या नारियल पानी का सेवन करें।
- दिन में 11 बजे से शाम 4 बजे तक जरूरी हो तो ही बाहर निकलें।
- घर से बाहर निकलते समय छाते, टोपी या सनग्लासेस का उपयोग करें।
- सूती, हल्के रंग के और हवादार कपड़े पहनें।
- मौसमी फल जैसे तरबूज, खीरा, नींबू पानी, बेल का शरबत आदि का सेवन करें।
- अगर चक्कर, उल्टी, बुखार या बेहोशी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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