ARTIA ने तय किया नववर्ष का विजनरी एजेंडा, राजस्थान को देश का नंबर-वन राज्य बनाने पर होगा फोकस, पांच सूत्री कार्ययोजना तैयार
आरतिया का 'विजन 2026': राजस्थान को नंबर-1 बनाने का रोडमैप
अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन (आरतिया) ने नववर्ष हेतु पांच सूत्री एजेंडा जारी किया है। इसमें निवेश प्रोत्साहन, छोटे व्यापारियों का संरक्षण, हस्तशिल्प को वैश्विक पहचान और जिला स्तर पर शिकायत निवारण तंत्र मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
जयपुर। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन (आरतिया) ने नववर्ष के लिए एक विजनरी एजेंडे का निर्धारण किया है। इस संबंध में आरतिया की हाई-लेवल टास्क कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक से पूर्व देशभर के उद्यमियों और कारोबारियों से संवाद कर राजस्थान के औद्योगिक एवं व्यावसायिक विकास को गति देने संबंधी सुझाव और इनपुट लिए गए, जिन पर बैठक में विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में विष्णु भूत, कमल कंदोई, आशीष सर्राफ, जसवंत मील, प्रेम बियाणी, कैलाश शर्मा, अजय गुप्ता, ज्ञान प्रकाश, ओ.पी. राजपुरोहित, सज्जन सिंह, जितेंद्र अग्रवाल, तरुण सारडा, दिनेश गुप्ता, सुनील बंसल, राजीव सिंहल, आयुष जैन, एच.एम. जौहरी सहित अनेक प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में विशेष रूप से राजस्थान को देश का नंबर-वन प्रांत बनाने से जुड़े इनपुट्स पर फोकस किया गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार का भी यही संकल्प है।
पांच सूत्री एजेंडे पर करेगी आरतिया काम
टीम आरतिया ने नववर्ष के लिए पांच सूत्री एजेंडा तय किया है, जिस पर व्यापक तैयारियों के साथ कार्य किया जाएगा।
पहला सूत्र – निवेश प्रवाह को बढ़ावा:
आरतिया का कहना है कि वर्ष 2023 में इन्वेस्टमेंट राजस्थान, 2024 में राइजिंग राजस्थान और हाल ही में आयोजित प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन से प्रदेश में निवेश के प्रति उत्सुकता बढ़ी है। सम्मेलन में प्रख्यात उद्यमी अनिल अग्रवाल द्वारा निवेश अवरोधों को दूर करने की गारंटी और सरकार द्वारा एमओयू पर किए जा रहे प्रभावी फॉलो-अप से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। आरतिया का मानना है कि यदि सरकार प्रदेश के सभी प्रमुख औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों को निवेश लक्ष्यों की प्राप्ति में सक्रिय रूप से जोड़े, तो और बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
दूसरा सूत्र – छोटे खुदरा व्यापारियों का संरक्षण:
बैठक में संगठित कॉरपोरेट रिटेल सेक्टर और ऑनलाइन शॉपिंग ऑपरेटर्स के कारण छोटे दुकानदारों के सामने उत्पन्न चुनौतियों पर चिंता जताई गई। आरतिया का कहना है कि खुदरा व्यापार हमारी सांस्कृतिक विरासत है और इसे बचाने के लिए एक सुदृढ़ रोडमैप के साथ काम किया जाएगा।
तीसरा सूत्र – सरकारी योजनाओं की प्रभावी जानकारी:
आरतिया प्रदेश और केंद्र सरकार की उद्योग-व्यापार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी संबंधित स्टेकहोल्डर्स तक पहुंचाने के लिए माइक्रो-लेवल टीमवर्क के जरिए कार्य करेगी, ताकि योजनाओं का वास्तविक लाभ व्यापारियों और उद्यमियों को मिल सके।
चौथा सूत्र – हस्तशिल्प को वैश्विक पहचान:
राजस्थान की विविध हस्तशिल्प और दस्तकारी को राष्ट्रीय व वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए आरतिया एक सुनियोजित एक्शन प्लान के साथ आगे बढ़ेगी। शिल्पकारों, दस्तकारों, कलाकारों और कारीगरों को नेशनल व ग्लोबल मार्केट से जोड़ने में आरतिया सेतु की भूमिका निभाएगी।
पांचवां सूत्र – शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करना:
जन-संवेदनाओं और शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए आरतिया सरकार से आग्रह करेगी कि प्रदेश स्तर पर संचालित अभाव-अभियोग विभाग का विस्तार जिला स्तर तक किया जाए। प्रत्येक जिले में नोडल कार्यालय स्थापित कर अधिकतम एक माह की समय-सीमा में पीड़ित आवेदकों को राहत और समाधान सुनिश्चित किया जाए। आरतिया पदाधिकारियों का कहना है कि यह विजनरी एजेंडा राजस्थान को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक ठोस कदम सिद्ध होगा।

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