इसरो के पूर्व चीफ डॉ. के. कस्तूरीरंगन का निधन : सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के चांसलर थे

मोदी ने जताया शोक

इसरो के पूर्व चीफ डॉ. के. कस्तूरीरंगन का निधन : सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के चांसलर थे

वे राज्यसभा सांसद, योजना आयोग के सदस्य, जेएनयू और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के चांसलर थे।

जयपुर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. कस्तूरीरंगन ने शुक्रवार को 84 वर्ष की उम्र में बेंगलुरु में अंतिम सांस ली। वे पिछले दो साल से बीमार चल रहे थे। उनका पार्थिव शरीर 27 अप्रैल को अंतिम दर्शन के लिए रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में रखा जाएगा। डॉ. कस्तूरीरंगन 1994 से 2003 तक इसरो के अध्यक्ष रहे। उनके नेतृत्व में भारत ने चंद्रयान जैसी मिशनों की योजना शुरू की। वे इनसैट-2, आईआरएस-1ए, आईआरएस-1बी, भास्कर-1 और भास्कर-2 जैसे उपग्रहों के विकास तथा प्रक्षेपण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके है। डॉ. कस्तूरीरंगन नई शिक्षा नीति के ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष थे। वे राज्यसभा सांसद, योजना आयोग के सदस्य, जेएनयू और सेंट्रल यूनिवर्सिटी आॅफ राजस्थान के चांसलर थे। वे कर्नाटक नॉलेज कमीशन के अध्यक्ष भी रहे। 

कई सम्मान मिले
भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित कर चुकी है। इसके साथ ही फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति ने ऑफिसर ऑफ द लीजन डी-ऑनर पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। 

मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मैं भारत की वैज्ञानिक और शैक्षिक यात्रा में एक महान हस्ती डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन से बहुत दुखी हूं। उनका दूरदर्शी नेतृत्व और देश के लिए निस्वार्थ योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने इसरो में बहुत लगन से काम किया और भारत के स्पेस प्रोग्राम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी लीडरशिप में कई अहम सैटेलाइट लॉन्च हुए। भारत नई शिक्षा नीति के लिए हमेशा डॉ. कस्तूरीरंगन का आभारी रहेगा। 

डॉ.कस्तूरीरंगन का निधन अपूरणीय क्षति-मुख्यमंत्री
 मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के.कस्तूरीरंगन का निधन राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके मार्गदर्शन में अनेक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशनों की सफलता ने भारत की वैज्ञानिक प्रतिष्ठा को विश्व पटल पर स्थापित किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण में उनका योगदान अविस्मरणीय है। प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्मा को अपने परम धाम में स्थान प्रदान करें तथा शोक संतप्त परिजनों को इस  दु:ख को सहने की शक्ति दें।

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