वसुन्धरा के बयान पर गहलोत की टिप्पणी : ईमानदारी से ईआरसीपी की सच्चाई जनता के सामने रखें, कहा-ईआरसीपी का नया नाम पीकेसी भी बकवास
नए एग्रीमेंट के बारे में पूरी प्रेस को बताना चाहिए
अब मंदिर में आप जाओ और गंगाजल से धो रहे हो, ये बीजेपी की आरएसएस की मानसिकता को प्रकट करता है, ये हमारा आरोप है।
जयपुर। पेयजल संकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के बयान पर राजनीति गरमाई हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजे के बयान पर टिप्पणी करते हुए ईमानदारी से ईआरसीपी एमओयू की सच्चाई जनता के सामने रखने की मांग की है। ज्योतिबाफुले जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि दो बार मुख्यमंत्री रही राजे ने पूरी स्टडी की है। ईआरसीपी का नया पीकेसी नाम भी बकवास है। वो खुद ही कह रहे हैं नौ साल तक तो कुछ नहीं होने वाला है, तो ये जनता को बेवकूफ क्यों बना रहे हैं। वसुंधरा राजे को मालूम है, पीकेसी और ईआरसीपी का जो नया एग्रीमेंट हुआ है उसमें कुछ दम नहीं है। दस पंद्रह आदमी नहीं आने वाला है, खाली उन्होंने जो मेरी शिकायत वसुंधरा से है। वो खाली झालावाड़ की बात कर रही हैं वो झालावाड़ में पानी नहीं आएगा ये गलत है उनको पूरे पीकेसी की बात करनी चाहिए।
वसुंधरा को चाहिए अगर उनमें ईमानदारी है तो उनको प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर के पूरे पीकेसी और ईआरसीपी के नए एग्रीमेंट के बारे में पूरी प्रेस को बताना चाहिए। अगर उनमें राजनीतिक ईमानदारी है तो राजे को चाहिए खाली झालावाड़ की बात नहीं करें पूरी बात करें पूरी योजना की बात करें, तब हम समझेंगे कि राजस्थान के हितों की वो बात कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष जूली के मंदिर जाने पर गंगाजल छिड़कने के मुद्दे पर कहा कि आरएसएस और भाजपा नेता अगर वास्तव में मानते हैं दलित वर्ग के लोग भी हिंदू हैं अगर ट्राइबल के लोग भी हिंदू हैं आदिवासी लोग हिंदू हैं सबको हिंदू मानते हैं तो हिंदुओं के साथ में आपस में ही जो छुआछूत हो रही है उसकी जिम्मेदारी किसकी बनती है सबसे ज्यादा? वैसे पूरे समाज की है पर आरएसएस क्योंकि सरकार आज उनके बीजेपी की है जिसको सपोर्ट करते हैं तो इससे अच्छा मौका उनके लिए क्या आएगा सब काम छोड़ कर के आरएसएस देश का आह्वान करे कि हम चाहेंगे हिंदू जो आपस में हैं वो कोई छुआछूत की भावना न रखें। अब मंदिर में आप जाओ और गंगाजल से धो रहे हो ये बीजेपी की आरएसएस की मानसिकता को प्रकट करता है ये हमारा आरोप है।
अगर वो हमारा आरोप गलत है तो आरएसएस को प्रतिक्रिया देनी चाहिए अगर हमारा आरोप गलत है तो आरएसएस को आगे आना चाहिए, रिएक्शन देना चाहिए बीजेपी को रिएक्शन देना चाहिए कि अशोक गहलोत बोल रहा है गलत बोल रहा है, हम छुआछूत के खिलाफ हैं और छुआछूत को हम किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे कोई कौम धर्म के लोग करते हों छुआछूत वो मानवता पर कलंक है। आतंकवादी तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के सवाल पर कहा कि पूरा देश खुश है पूरे देश में इतना बड़ा क्राइम किया है इस आदमी ने कितने लोगों की हत्याएं हो गई थीं कोई भूल सकता है क्या? कोई भूल सकता है क्या।
इसी ढंग से मैं चाहूंगा कि भगौड़े जितने भी हैं देश के अंदर चाहे वो आर्थिक भगौड़े हों, चाहे और कोई भगौड़े हों ये ऐसे आतंकवादी हो इन सबको भारत सरकार को टार्गेट बनाना चाहिए अगर टार्गेट बनेगा तो यह राणा आया है उसी ढंग से सब आ जाएंगे पर पता नहीं क्या मिलीभगत है क्या है आज इतने साल हो गए देखते हुए हमें भी मेरे ख्याल से चौदह साल तो प्रधानमंत्री बने हुए हो गए मोदी को भी आज वो क्यों नहीं आ पा रहे हैं,अगर इनकी इच्छाशक्ति होगी वो भी कभी आएंगे मेरा मानना है उनको इसके लिए प्रयास करना चाहिए।
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