आपातकाल : आपदा प्रबंधन को लेकर कलक्टरों को गाइडलाइन जारी, अस्पतालों में दवाइयां, डॉक्टर और रक्त की पर्याप्त उपलब्धता हो

एनआईए में ब्लैकआउट और मेडिकल सुविधाओं को सुचारू रखने पर चर्चा

आपातकाल : आपदा प्रबंधन को लेकर कलक्टरों को गाइडलाइन जारी, अस्पतालों में दवाइयां, डॉक्टर और रक्त की पर्याप्त उपलब्धता हो

सोशियल मीडिया पर पूर्ण निगरानी रखें तथा देश के विरुद्ध भड़काऊ पोस्ट अथवा सामग्री पर तुरन्त कानूनी कार्यवाही करें, जिससे कि प्रदेश में माहौल खराब न हो।

जयपुर। भारत की ओर से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करने के बाद अब प्रदेश के समस्त जिला कलक्टरों को आपदा प्रबंधन को लेकर गृह विभाग ने गाइडलाइन जारी की है। एसीएस गृह आनंद कुमार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार आपदा प्रबन्धन की स्थिति के दृष्टिगत समस्त अस्पतालों में सभी प्रकार की आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध रहे, डॉक्टर मय स्टाफ  उपस्थित रहे तथा ब्लड बैंक में सभी गु्रपों के रक्त की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहे। इसके साथ साथ चिह्नित अस्पतालों व स्कूलों में जहां पर टेम्परेरी अस्पताल एवं लोगों के रहने की व्यवस्था की जा सकती है, वहां जनरेटरों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।

सोशियल मीडिया पर पूर्ण निगरानी रखें तथा देश के विरुद्ध भड़काऊ पोस्ट अथवा सामग्री पर तुरन्त कानूनी कार्यवाही करें, जिससे कि प्रदेश में माहौल खराब न हो।
जिला कलेक्टर यह भी सुनिश्चित करें कि आपात स्थिति में उनके जिलों में पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध रहे। लोग खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं का अनावश्यक भंडारण नहीं करें।
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि आपात स्थिति में पेयजल की पूर्ण व्यवस्था आम जन के लिए उपलब्ध हो।
सीमावर्ती जिलों के संभागीय आयुक्त, महानिरीक्षक पुलिस, जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक यथा गंगानगर, बीकानेर, फलोदी, जैसलमेर एवं बाडमेर अपने जिले के सम्बन्धित सेना एवं अन्य केन्द्रीय एजेन्सियों के अधिकारियों से निरन्तर सम्पर्क में रहे तथा समन्वय के साथ कार्यवाही करें।
सीमावर्ती जिलों के गांवों में आपात स्थिति में निकास की योजना भी पूर्ण रूप से तैयार रखें।
जिलों में अतिसंवेदनशील स्थलों की सूची को अपडेट कर उसमें अस्पताल, पॉवर प्लान्ट, तेल एवं गैस के डिपो-पाइपलाइन,  धार्मिक स्थल, इत्यादि को शामिल करते हुए उक्त संस्थानों की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पंचायत एवं ग्राम स्तर पर राज्य सरकार की ओर से की जा रही व्यवस्थाओं की पूर्ण जानकारी हो तथा आमजन को यह विश्वास हो कि संकट की घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है।
जिलों में अग्निशमन सेवाओं को एक्टिव मोड पर रखा जाए।
जिलों में संचार सेवाओं को सुचारू रखा जाए तथा पब्लिक एड्रस सिस्टम पर्याप्त संख्या में चालू स्थिति में उपलब्ध रहे।
जिलों में समय-समय पर आपदा प्रबन्धन योजना की मॉक ड्रिल की जाए।
आपदा की स्थिति में गैर सरकारी संगठन, राष्ट्रीय सेवा योजना-नेशनल कॅडेट कॉर की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

एनआईए में ब्लैकआउट और मेडिकल सुविधाओं को सुचारू रखने पर चर्चा
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर में वर्तमान स्थिति में भारत सरकार की ओर से आमजन की सुरक्षा के लिए जारी गाइडलाइन की पालना करने और संस्थान में भर्ती मरीजों, विद्यार्थियों और स्टाफ की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बुधवार को बैठक आयोजित की गई। इसमें संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा सहित अन्य चिकित्सकों, चिकित्सा विशेषज्ञों और सुरक्षा कर्मचारियों ने आपातकालीन परिस्थितियों में ब्लैकआउट और अन्य सुरक्षा उपायों पर गहन चर्चा की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आपातकालीन स्थिति में मरीजों, विद्यार्थियों और स्टाफ  की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।

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