जेकेके में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जयंती समारोह के अवसर पर नाटक ‘चित्रांगदा’ का मंचन, संकेत जैन ने किया निर्देशन
कलाकारों ने अर्जुन और चित्रांगदा की प्रेम कहानी को प्रस्तुत किया
जवाहर कला केंद्र की ओर से गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जयंती समारोह के अवसर पर शनिवार को नाटक ‘चित्रांगदा’ का मंचन हुआ
जयपुर। जवाहर कला केंद्र की ओर से गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जयंती समारोह के अवसर पर शनिवार को नाटक ‘चित्रांगदा’ का मंचन हुआ। यह नाटक गुरुदेव रबीन्द्र नाथ टैगोर की कहानी पर आधारित रहा जिसका निर्देशन संकेत जैन ने किया है। नाट्य प्रस्तुति में कलाकारों ने अर्जुन और चित्रांगदा की प्रेम कहानी को प्रभावशाली ढंग से मंच पर प्रस्तुत किया, जिसमें बाह्य आकर्षण से ज्यादा आत्मिक सुंदरता को अपनाने का संदेश दिया गया।
मणिपुर की राजकुमारी चित्रांगदा अर्जुन के प्रति बेहद आकर्षित है, लेकिन उसका हृदय जीतने में असफल रहती है क्योंकि उसमें कामुक सुंदरता की कमी है और सामान्य जीवन में वह एक निडर 'पुरुष' की तरह व्यवहार करती है। चित्रांगदा के अनुरोध पर, प्रेम के देवता, कामदेव, उसे एक वर्ष के लिए शारीरिक सौंदर्य प्रदान करते हैं, और परिणामस्वरूप अर्जुन उससे प्रसन्न होता है। तब उसकी पहिरन उसे ज्ञात नहीं थी। हालांकि वर्ष समाप्त होने से पहले, अर्जुन उससे विमुख होने लगता है, और योद्धा राजकुमारी के पराक्रम की सूचना से उसके मन में उसके लिए गहरी प्रशांसा पैदा हो जाती है। तब चित्रांगदा अपने असली रूप में प्रकट हो जाती है, और वह उससे और भी अधिक प्यार करने लगता है, और नाटक खुशी से समाप्त हो जाता है। नाटक प्रतीकात्मक रूप से शारीरिक सुख और कामुक संतुष्टि से परे, वास्तविक सुंदरतस की व्याख्या और अन्वेषण करता है। इस काव्यात्मक नाटक को काव्यात्मक बिंबों, प्रतीकों और अत्यंत सुंदर भावों के कारण संचार के लिए एक नई नाट्य भाषा की आवश्यकता है।
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