हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला: 3000 से अधिक कन्याओं का हुआ वंदन
कन्या वंदन कार्यक्रम किया गया
सोमकांत ने कहा कि व्यापक राष्ट्रीय हित में आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से कन्या वंदन और सुवासिनी वंदन के जरिए भारतीय परंपरा में महिलाओं के सम्मान को पुनः स्थापित किया जाए।
जयपुर। हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन की ओर से चल रहे पंच दिवसीय मेले में कन्या वंदन कार्यक्रम किया गया। प्रदेश सचिव सोमकांत शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में लगभग 3000 से अधिक कन्याओं का वंदन हुआ, जिसका उद्देश्य बालिकाओं और महिलाओं की गरिमा को पुनर्स्थापित करना है।
सोमकांत ने कहा कि व्यापक राष्ट्रीय हित में आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से कन्या वंदन और सुवासिनी वंदन के जरिए भारतीय परंपरा में महिलाओं के सम्मान को पुनः स्थापित किया जाए। प्राचीन भारतीय परंपराओं के माध्यम से बालिकाओं और नारियों का सम्मान और गरिमा का पुनर्निर्माण आवश्यक है। भारत में परिवार का केंद्र नारी है, जो सर्वोच्च आदर्श और प्रभु की प्रतिनिधि है। इस कार्यक्रम के माध्यम से नारी के इसी महत्व को उजागर किया जाएगा, ताकि समाज में महिलाओं और बालिकाओं के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ावा मिल सके। कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें बालिकाओं और महिलाओं के प्रति आदर और आभार प्रकट किया जाएगा, जिससे उनके योगदान को सराहा जा सके।
उन्होंने कहा कि कन्या वंदन कार्यक्रम एक सामाजिक पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में कन्याओं के प्रति सम्मान, सुरक्षा और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिनका सामना बेटियाँ कर रही हैं, जैसे कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, शिक्षा का अभाव और लैंगिक भेदभाव। कन्या वंदन कार्यक्रम न केवल कन्याओं की महत्ता को उजागर करता है, बल्कि समाज में लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता फैलाने का भी कार्य करता है। हमें आशा है कि यह कार्यक्रम लोगों में सोचने की एक नई दिशा देगा और बेटियों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव लाएगा।
कार्यक्रम का महत्व
जागरूकता फैलाना: इस कार्यक्रम के माध्यम से हम समाज में कन्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि लोग बेटियों को एक समान अवसर दें और उनकी क्षमता को समझें।
सांस्कृतिक कार्यक्रम
कन्या वंदन कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ, जैसे नृत्य, गीत, और नाटक का आयोजन किया गया। गतिविधियो ने कन्याओं की प्रतिभा को भी दर्शाया।
मातुश्री अहिल्याबाई होलकर नाटक
अहिल्याबाई होलकर, एक प्रेरणादायक नाटक, महेश्वर की महान रानी और न्याय की प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया यह नाटक उनके जीवन, संघर्ष और समर्पण की कहानी बुनता है, जिन्होंने न केवल अपने राज्य को बल्कि समाज को भी समर्पित किया। रानी अहिल्याबाई ने अपनी बुद्धिमत्ता और निर्णय क्षमता से मध्य भारत में शासन किया और कई धार्मिक और सामाजिक सुधार किए। इस नाटक में उनकी साहसिकता, दया और नेतृत्व की भावना को उजागर किया गया है, जो आज भी लोगों को प्रेरित करती है। इस नाटक के माध्यम से दर्शकों को रानी अहिल्याबाई के अद्वितीय व्यक्तित्व और उनके योगदानों से अवगत कराया।
कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बापना कोषाध्यक्ष दिनेश पितलिया कार्यक्रम संयोजक शीला अग्रवाल सह सयोजक नवीन आटोलिया कोमल चौहान मनदीप सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।
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