हीरालाल नागर ने गिनाई 2 साल की उपलब्धियां : हर किसान को देंगे दिन में बिजली, कहा- अक्षय ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा में राजस्थान अग्रणी राज्य
उपलब्धियों को लेकर संबोधित कर रहे थे
राज्य की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 35 हजार 337 मेगावाट है। बीते दो वर्षों में सौर ऊर्जा क्षमता में 17 हजार 325 मेगावाट का इजाफा हुआ है।
जयपुर। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जो काम पांच साल में किए वो हमने दो साल में कर दिखाए हैं। हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि वर्ष 2027 तक प्रदेश के हर किसान को कृषि कार्य के लिए दिन में बिजली देंगे। नागर विद्युत भवन में ऊर्जा विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियों को लेकर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा में राजस्थान अग्रणी राज्य है। प्रदेश की कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता 41 हजार 189 मेगावाट हो गई है। विगत दो वर्षों में अक्षय ऊर्जा क्षमता में 17 हजार 820 मेगावाट की बढ़ोतरी की गई है। सौर ऊर्जा में भी राजस्थान देश में सिरमौर है। राज्य की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 35 हजार 337 मेगावाट है। बीते दो वर्षों में सौर ऊर्जा क्षमता में 17 हजार 325 मेगावाट का इजाफा हुआ है। इस अवसर पर ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा, चेयरमैन डिस्कॉम्स आरती डोगरा, अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रोहित गुप्ता, ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध निदेशक ओम कसेरा, उत्पादन निगम के सीएमडी देवेन्द्र शृंगी भी मौजूद रहे।
कुसुम योजना को दी गति
नागर ने कहा कि पीएम कुसुम योजना में पूर्ववर्ती सरकार के समय 122 मेगावाट क्षमता के 92 सौर ऊर्जा संयंत्र ही स्थापित हुए थे। विगत दो वर्ष में ही इस योजना में 2345 मेगावाट क्षमता के 1048 सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं। कुसुम कम्पोनेन्ट-ए में राजस्थान देश में प्रथम और कम्पोनेन्ट-सी में तीसरे स्थान पर है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि विगत दो वर्ष में 1 लाख 95 हजार 825 कृषि कनेक्शन जारी किए गए जबकि प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार ने अपने शुरूआती दो वर्षों में मात्र 1 लाख 63 हजार 258 कृषि कनेक्शन ही जारी किए थे।
प्रसारण तंत्र को किया मजबूत
नागर ने बताया कि प्रसारण तंत्र के सुदृढीकरण के लिए राज्य सरकार ने 400 केवी के 2,220 केवी के 5 और 132 केवी के 41 सहित कुल 48 जीएसएस स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षों में प्रदेश में उपयोग के लिए कुल उत्पादन क्षमता में 6839 मेगावाट की बढ़ोतरी हुई है।

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