अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के 26 वें वार्षिक अधिवेशन का राज्यपाल ने किया शुभारंभ, कहा- सैनिक राष्ट्र निर्माण के सच्चे भागीदार
सैनिक शब्द ही रगों में जोश जगाने वाला है
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि सैनिक कभी पूर्व नहीं होता। वह जब सेना में नहीं भी होता है तो राष्ट्र निर्माण में भागीदारी निभा रहा होता है। उन्होंने कहा कि सैनिक शब्द ही रगों में जोश जगाने वाला है। उन्होंने माखन लाल चतुर्वेदी की लिखी पुस्तक की अभिलाषा की पंक्तियां सुनाते हुए कहा कि सैनिक उसी पथ को चुनते हैं जो वीरता से जुड़ा होता है।
जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि सैनिक कभी पूर्व नहीं होता। वह जब सेना में नहीं भी होता है तो राष्ट्र निर्माण में भागीदारी निभा रहा होता है। उन्होंने कहा कि सैनिक शब्द ही रगों में जोश जगाने वाला है। उन्होंने माखन लाल चतुर्वेदी की लिखी पुस्तक की अभिलाषा की पंक्तियां सुनाते हुए कहा कि सैनिक उसी पथ को चुनते हैं जो वीरता से जुड़ा होता है। मां भारती के लिए सर्वस्व समर्पण ही उनका एकमात्र लक्ष्य होता है। राज्यपाल बागडे शनिवार को आर्मी एरिया ऑडिटोरियम में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के 26 वें वार्षिक अधिवेशन के शुभारंभ समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवारजनों के कल्याण, सम्मान और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सैनिकों के परिजनों के लिए भी सबको मिलकर कार्य करना चाहिए।
राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों को सशक्त करने हेतु चलाई जा रहीं केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का अधिकाधिक प्रचार किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने अखिल भारतीय पूर्व सैनिकों द्वारा सामाजिक सेवा, देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता तथा युवाओं को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करने जैसे क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका की सराहना भी की। समारोह में देशभर से पूर्व सैनिक, रक्षा विशेषज्ञ एवं समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियो ने भाग लिया।मेजर जनरल अनुज माथुर ने परिषद के कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस दौरान परिषद की स्मारिका का भी लोकार्पण किया।

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