प्राचीन भारतीय सिक्कों में देवी दुर्गा के चित्र

पुरातत्व विभाग के पास संग्रहित है ये सिक्के

प्राचीन भारतीय सिक्कों में देवी दुर्गा के चित्र

पुरातत्व विभाग के मुद्रा विशेषज्ञ प्रिंस कुमार उप्पल ने बताया कि देवी नाना बेबिलोनियाई ईरानी देवी है, जिनका चित्रण कुषाण शासकों के सिक्कों पर मिलता हैं।

जयपुर। भारतीय प्राचीन सिक्कों में भी देवी दुर्गा का अंकन बहुत पुराना है। देवी दुर्गा अंकित सिक्कों की पहचान ये है कि उन पर देवी के साथ उनका वाहन सिंह भी है। सिक्कों पर देवी दुर्गा का प्राचीनतम आद्य्रूप कुषाण शासकों के सोने के सिक्कों पर मिलता है। इन पर नाना का अंकन है। पुरातत्व विभाग के पास ऐसे सिक्के भी हैं, जिसमें देवी दुर्गा का अंकन है। पुरातत्व विभाग के मुद्रा विशेषज्ञ प्रिंस कुमार उप्पल ने बताया कि देवी नाना बेबिलोनियाई ईरानी देवी है, जिनका चित्रण कुषाण शासकों के सिक्कों पर मिलता हैं। नाना वास्तव में दुर्गा देवी नहीं है, परंतु कुषाण शासकों के सिक्कों पर इनका अंकन होना दुर्गा का आद्य्रूप माना जा सकता है। कुषाण शासकों ने बहुरूपी धर्म अपनाया। उन्होंने भारतीय धर्मों को भी अपना लिया था। कुषाण स्वर्ण सिक्कों में देवी नाना को सिंह सवार अंकित किया था। आगामी दो शताब्दियों के बाद देवी दुर्गा का स्पष्ट अंकन गुप्तकालीन सिक्कों में मिलता है।

अग्रभाग पर चन्द्रगुप्त प्रथम एवं कुमार देवी के चित्र
उप्पल ने बताया कि गुप्त युग में पहली बार देवी दुर्गा का स्पष्ट रूप से अंकन प्रारंभ हुआ। भारतीय इतिहास में चन्द्रगुप्त कुमार देवी शैली की स्वर्ण मुद्राएं मिलती हैं। इनके अग्रभाग पर चन्द्रगुप्त-प्रथम एवं कुमार देवी के चित्र एवं नाम अंकित है। पृष्ठ भाग पर सिंह वाहिनी देवी अंकित है और ‘लिच्छवय:’ अंकित है। भारतीय मुद्राओं पर इससे पूर्व कभी भी राजा के साथ रानी का अंकन नहीं मिलता है, परंतु चन्द्रगुप्त कुमार देवी के संदर्भ में पहली बार इस प्रकार का अंकन किसी विशेष कारण की सूचना देता है। पहली बार स्पष्ट रूप से देवी दुर्गा का अंकन भी यहीं से सिक्कों पर मिलता है।

इन राजाओं ने जारी किए सिक्के
गुप्तकाल के बाद अनेक राजवंशों ने दुर्गा अंकित सिक्के जारी किए। इनमें महाराष्टÑ, बंगाल एवं पूर्वी राज्यों में दुर्गा अंकित सिक्के जारी हुए। मध्यकाल में 16वीं एवं 17वीं शताब्दी में त्रिपुरा में विजय माणिक्य, जया माणिक्य, कृष्ण माणिक्य, रत्न माणिक्य और त्रावनकोर में बालाराम वर्मा-द्वितीय ने दुर्गा अंकित चांदी के सिक्के चलाए। 

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