जयपुर में 5 करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा, चीन से जुड़ा गिरोह बेनकाब : 4 आरोपी गिरफ्तार, ठगी की रकम यूएसडीटी में बदलकर भेजते थे चीन
श्याम नगर थाना पुलिस की बड़ी कार्रवाई
विभिन्न राज्यों से जुड़े हैं तार गिरोह राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों में फैला हुआ है। गैंग से जुड़े खातों पर साइबर पोर्टल पर 19 शिकायतें दर्ज हैं।
जयपुर। राजधानी जयपुर में साइबर ठगी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। श्याम नगर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो देशभर में ठगी की रकम को वैध दिखाने के लिए फर्जी बैंक खाते और कंपनियों का इस्तेमाल करता था। गिरोह अब तक करीब 5 करोड़ रुपये की साइबर ठगी कर चुका है। गिरोह का सरगना सुनील जाखड़ चीन में बैठे साइबर अपराधियों के इशारे पर काम करता था और भारत में ठगी से प्राप्त नकद राशि को क्रिप्टो करेंसी USDT में बदलकर चीन भेजता था। पुलिस ने गिरोह के पास से 7.70 लाख रुपये नकद, 23 चेक बुक, 28 एटीएम कार्ड, 10 मोबाइल सिम, 6 एटीएम किट और 4 किरायानामा जब्त किए हैं।
गैंग की कार्यशैली
पुलिस उपायुक्त दक्षिण राजर्षि राज ने बताया कि गैंग देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को प्रति माह 10 से 30 हजार रुपये का लालच देकर बैंक खाता, चेक बुक, एटीएम कार्ड और सिम कार्ड किराये पर लेता था। बाद में इन खातों का उपयोग साइबर ठगी के लिए किया जाता था। ठगी से प्राप्त राशि को पहले एटीएम या चेक के जरिए नकद निकाला जाता, फिर उसे USDT (क्रिप्टो करेंसी) में बदलकर चीन में बैठे ठगों को भेजा जाता था। गिरोह अपनी कमीशन की रकम नकद में रखता था।
ऐसे करते थे ठगी
चीन में बैठे साइबर अपराधी WhatsApp और Telegram पर इन्वेस्टमेंट ग्रुप बनाते हैं और भारतीय नागरिकों को जोड़ते हैं। ये ग्रुप शेयर बाजार, प्रॉपर्टी आदि में भारी मुनाफा कमाने का लालच देकर लोगों से पैसे ठगते हैं। पीड़ितों को फर्जी बैंक खातों में पैसे जमा करवाए जाते थे, जो इस गिरोह के जरिए उपलब्ध कराए जाते थे।
किराये के फ्लैट और फर्जी कंपनी का इस्तेमाल
गिरोह हर 1-2 महीने में अपना ठिकाना बदलता था। पुलिस को एक ही फ्लैट के चार किरायानामे बरामद हुए हैं। किरायानामा दिखाकर गैंग ने Praxiz Artificial Private Limited नामक फर्जी कंपनी भी रजिस्टर करवाई थी, जिससे ठगी की रकम को व्हाइट मनी में बदला जा सके।
गिरफ्तार आरोपी
पुलिस ने अब तक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है —
1. सदासुख विश्नोई (21), जैसलमेर निवासी
2. अंकू चंदोलिया (23), शाहपुरा निवासी
3. कमल कुमावत (21), शाहपुरा निवासी
4. कमलेश वर्मा (20), शाहपुरा निवासी
विभिन्न राज्यों से जुड़े हैं तार गिरोह राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों में फैला हुआ है। गैंग से जुड़े खातों पर साइबर पोर्टल पर 19 शिकायतें दर्ज हैं।

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