सेवानिवृत्ति पर सेवामूल्यांकन और वित्तीय कार्रवाई का निर्देश, नियमों के तहत पूरी की जाएगी प्रक्रिया
सेवानिवृत्ति से पहले होगी सख्त पड़ताल
राज्य सरकार ने तकनीकी अधिकारियों और सिविल सेवाओं से जुड़ी सेवानिवृत्ति प्रक्रियाओं के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं
जयपुर। राज्य सरकार ने तकनीकी अधिकारियों और सिविल सेवाओं से जुड़ी सेवानिवृत्ति प्रक्रियाओं के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सेवा समाप्ति के पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ किसी भी लंबित जांच या आरोप के संबंध में स्पष्ट रूप से सेवामूल्यांकन करने का प्रावधान किया गया है।
सरकारी आदेश के अनुसार, यदि सेवानिवृत्ति के समय तक कर्मचारी पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित है, तो उनकी अंतिम सेवा रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा, यदि कर्मचारी ने नियमों के विरुद्ध अतिरिक्त धनराशि प्राप्त की है, तो उसे समय पर समायोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
आदेश में यह भी बताया गया है कि यदि किसी अधिकारी ने निर्धारित राशि से अधिक प्राप्त कर ली है और समायोजन नहीं कराया गया है, तो यह राशि पेंशन ग्रेच्युटी से कटौती की जाएगी। यह प्रक्रिया नियमों के तहत पूरी की जाएगी। इस आदेश पर निदेशक एवं विशेष सचिव इंद्रजीत सिंह के हस्ताक्षर हैं, और यह राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के तहत लागू किया गया है। यह कदम राज्य के कर्मचारियों की सेवा प्रक्रिया को पारदर्शी और नियमानुसार बनाए रखने के लिए लिया गया है।

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