प्रदेश में प्रतिदिन हो रहा है 25 लाख लीटर दुग्ध संकलन
दुग्ध संकलन में जयपुर पहले नम्बर पर
दूध उत्पादकों को मिल रही सुविधाओं में इजाफा होने से प्रदेश में दूध संकलन तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा में दुग्ध उत्पादकों के हित में अनुदान 2 रुपए से बढ़ाकर 5 रुपए प्रतिलीटर किया था।
जयपुर। दूध उत्पादकों को मिल रही सुविधाओं में इजाफा होने से प्रदेश में दूध संकलन तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा में दुग्ध उत्पादकों के हित में अनुदान 2 रुपए से बढ़ाकर 5 रुपए प्रतिलीटर किया था। 500 करोड़ रुपए अनुदान के रूप में दुग्ध उत्पादकों को मिल रहे है। राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन लिमिटेड से मिले आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 25 लाख लीटर सरस दुग्ध का उत्पादन हो रहा है, जिसमें 24 लाख लीटर दूध बिक जाता है। फैडरेशन इस साल 40 लाख लीटर दुग्ध प्रतिदिन संकलन का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
दुग्ध संकलन में जयपुर पहले नम्बर पर
सर्वाधिक दुग्ध संकलन के मामले में प्रदेश में जयपुर का पहला स्थान है। यहां आबादी अधिक है, इसलिए सरस दूध ज्यादा मात्रा में बिकता है। इसके बाद भीलवाड़ा, अजमेर, अलवर और गंगानगर इन पांच जिलों में सबसे ज्यादा दूध संकलन किया जा रहा है।
जैसलमेर और राजसमंद हाल ही में बने जिला दुग्ध संघ
आरसीडीएफ के 23 जिला दुग्ध संघ है, जिनमें से जैसलमेर और राजसमंद हाल ही में जिला दुग्ध संघ बने हैं। दुग्ध उत्पादन में 17 हजार प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां कार्यरत है। कुल 8 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादक है। सात हजार से अधिक महिला सहकारी समितियां हैं। जयपुर डेयरी प्लांट दूध की गुणवत्ता की जांच से लेकर प्रोसेसिंग, पैकिंग आदि के कार्य करके लोगों तक उच्च गुणवत्ता वाला सरस दूध पहुंचाने का कार्य कर रहा है। जयपुर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने जयपुर सहित कोटपूतली और दौसा में दूध की मिलावट से बचने के लिए सम्पूर्ण डेयरी प्लांट में 300 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इन हाई रेज्योल्यूशन जूम कैमरों से अब दूध प्लांट, पाउडर प्लांट सहित समस्त डेयरी परिसर निगरानी में रहेगा। इसके साथ ही डेयरी में दूध संकलित करने वाले टैंकरों में जीपीएस ट्रेकर लगाए हैं, जिसकी मदद से टैंकरों की लाइव लोकेशन डेयरी प्रशासन के पास मौजूद रहेगी।

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