डिवाइडरों से सड़कें ऊपर चढ़ने से हादसों में हो रही है बढ़ोतरी
डिवाइडर और फुटपाथ बनाए जाते हैं
सड़कों पर आमजन सुरक्षित चल सके इसलिए डिवाइडर और फुटपाथ बनाए जाते हैं। परत दर परत चढ़ाई जा रही डामर से बीच में बने डिवाइडरों से सड़कें ऊपर चढ़ने से हादसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
जयपुर। सड़कों पर आमजन सुरक्षित चल सके इसलिए डिवाइडर और फुटपाथ बनाए जाते हैं। परत दर परत चढ़ाई जा रही डामर से बीच में बने डिवाइडरों से सड़कें ऊपर चढ़ने से हादसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सुरक्षित यातायात के लिए सरकार करोड़ों खर्च करती है, ताकि हादसों पर नियंत्रण लग सके, लेकिन अधिकारियों की अनियमितता से सड़कों पर चढ़ाई जा रही डामर की परत से डिवाइडर की ऊंचाई कम हो जाती है और सड़क इसके लेवल में आ जाती है। इसके कारण कई हादसे होने की आशंका बनी रहती है। ऐसा ही कुछ नजारा शहर के चौड़ा रास्ता में देखने को मिलता है। इसी प्रकार सहकार मार्ग पर डिवाइडर पर चढ़ी सड़क के बाद अब पुरानी डिवाइडरों को हटाकर दोबारा से बनाया जा रहा है।
सड़क की मरम्मत के लिए हटानी होती है पुरानी डाबर
सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता संजीव माथुर ने बताया कि पुरानी सड़क की मरम्मत से पूर्व पुरानी डाबर को हटाकर ही नई परत डालनी चाहिए, जिससे सड़कों की बेहताश बढ़ रही ऊंचाई पर रोक लगाई जा सके। प्रदेश में पुरानी डाबर को हटाकर रिसाइकिल करने का कोई प्लांट नहीं होने से उस ही परत चढ़ा दी जाती है, जिससे डिवाइडर छोटे होने के साथ ही घरों में भी पानी भरता है। शहर में नगर निगम समय पर सड़कों की मरम्मत नहीं कर पा रहा।
यह हैं नियम
सुरक्षित यातायात के लिए सड़क के बीच में डिवाइडर बनाया जाता है। डिवाइडर की सड़क के न्यूनतम ऊंचाई नौ इंच और अधिकतक एक मीटर है। पेड़-पौधे लगाने के लिए डिवाइडरों की ऊंचाई मौके की स्थिति के साथ ही रोड की चौड़ाई के आधार पर भी इंजीनियर निर्धारित करते हैं।
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