पिंकसिटी के ज्वैलर्स ने किया तुर्किए और अजरबैजान का बहिष्कार, देशभक्ति में व्यापारिक बलिदान, जनभावनाओं का सम्मान
स्टोंस का था कारोबार
ज्वैलर्स एसोसिएशन का यह फैसला केवल व्यापारिक नीति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता का परिचायक है।
जयपुर। ज्वैलर्स एसोसिएशन का यह फैसला केवल व्यापारिक नीति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता का परिचायक है। यह उदाहरण न केवल व्यापारिक संगठनों बल्कि आम नागरिकों के लिए भी प्रेरणा है कि जब बात देश की गरिमा और जनभावनाओं की हो, तो हर स्तर पर एकजुटता और संवेदनशीलता आवश्यक है। देशहित और जनभावनाओं को सर्वोपरि मानते हुए जयपुर ज्वैलर्स एसोसिएशन ने तुर्किए और अजरबैजान से सभी प्रकार के व्यापार का तत्काल प्रभाव से बहिष्कार करने का फैसला किया है। एसोसिएशन की हाल ही में सम्पन्न कार्यकारिणी बैठक में पारित इस प्रस्ताव के अनुसार, इन दोनों देशों से कलर्ड स्टोन के एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट सहित बिजनेस और टुरिज्म से भी दूरी बनाए रखने की अपील की गई है।
राष्ट्रीय स्तर पर भी हो रहा समर्थन :
यह उल्लेखनीय है कि भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) पहले ही तुर्की और अजरबैजान से आभूषण व्यापार नहीं करने की घोषणा कर चुकी है। साथ हीए देश के अन्य कारोबारी संगठनों ने भी तुर्की से सेब और मार्बल आयात पर रोक लगाने का फैसला लिया है।
टुरिज्म से भी दूरी बनाने की अपील :
एसोसिएशन ने सिर्फ व्यापारिक गतिविधियों ही नहीं, बल्कि तुर्की और अजरबैजान की ओर होने वाले पर्यटन से भी परहेज करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जब तक दोनों देश भारत के प्रति अपने रुख में सुधार नहीं लातेए तब तक यह बहिष्कार जारी रहेगा।
देशभर में नाराजगी :
एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक सौंखिया ने राष्ट्रहित में यह फैसला सहयोग की भावना से करने का आग्रह किया गया है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब तुर्किए और अजरबैजान ने भारत-विरोधी रुख अपनाते हुए पाकिस्तान का खुला समर्थन किया था, जिससे देशभर में नाराजगी व्याप्त है।
स्टोंस का था कारोबार :
मंत्री नीरज लूणावत ने बताया कि जयपुर के जौहरी तुर्किए से क्वार्ट्ज एगेट श्रेणी के कैल्सेडनी स्टोर की खरड़ का आयात करते हैं, जो स्थानीय बाजार में अत्यधिक मांग रखती है। वहीं, जयपुर से तुर्किए को एमेथिस्ट, सीट्रीन, टोपाज, गार्नेट सहित हल्की गुणवत्ता के पन्ना, रूबी और सफायर जैसे कलर्ड स्टोन का एक्सपोर्ट भी होता रहा है।
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